''न खुदा ही मिला, न विसाल-ए-सनम''


संजय त्रिपाठी—वरिष्ठ पत्रकार 
सब हायतौबा मचा रखे हैं। मंदबुद्धू बक्सा पर खबरिया चैनलों को रोज एक न एक नया मसाला मिल ही जाता है दिन भर फेटने के लिए। आदमी पहले से ही बुद्धबक्सा से परेशान था, हालांकि पहले नेशनल चैनल ही एक मात्र होता था जिसपर देखने के लिए बेचैनी बनी रहती थी। उस समय हम लोग बेचैन रहते थे, आज बच्चे बेचैन रहते है। बच्चों को कार्टून और तारक मेहता का उल्टा चश्मा देखने की बेचैनी हमेशा बनी रहती है। पढ़ने के नाम पर सिर्फ आधा घंटा निकालते हैं तो टीवी के नाम पर खेलने जाने से इंकार करते है। ऐसी ही स्थिति आज चौनलवालों की व राजनेताओं की हो गई है। कोई भाग रहा है तो कोई पीछा कर रहा है। पीछा करने पर नहीं मिला तो दीवार टपना पड़ रहा, लेकिन पकड़ना तो है ही। बच्चु कहां तक भागोगे। ततैया के खोता में ढ़ेला मर कर भागना कहा तक जायज है। अगर तुम बच भी गए तो ये टीवी वाले तुम्हें नहीं बचने देंगे। जगह - जगह अपना ढंड - कमंडल फैलाये बैठे जो रहते है। इन्हें रोज चिल्लाने और पांच विशेषज्ञों को बैठकार उन्हें भी चिल्लवाना जो है। यहां तो दोनों पार्टियां आपस में शर्त लगा रखी है - तू डाल - डाल तो मैं पात - पात। भला ऐसे में देश को रोज - रोज एक नया मसाला मिलता ही रहता है। उधर सोशल मीडिया वाले अपनी टांग अडा कर जले पर नमक छिड़कने में लगे रहते है। हम तो अपने देश के चैनल ओर सोशल मीडिया वालों से ही परेशान हैं, उल्टे पाकिस्तान के चैनल और सोशल मीडिया वाले अब आंतकवादियों के तरह ही अपनी बातों, खबरों व कॉमेंट से हमारे नाक में दम कर रहे है। लगता है एक सर्जिकल स्ट्राइक मोदी जी को इसके खिलाफ भी करना ही पड़ेगा। अभी पूरा देश चिदंबरम साहब के भागम - भाग में लगा था, जैसे ही यह लीला समाप्त हुई कल पूरा दिन कश्मीर में विपक्षियों के या़त्रा पर हो - हल्ला में निकल गया। जायद मुद्दा इस हो - हल्ला में गायब है, लेकिन पक्ष - विपक्ष अपनी डफली अपना राग में लगे हुए हैं। चैनल वाले मुद्दे को नहीं उठाते सिर्फ हल्ला मचाने वाले बातों पर सफाई मांगते है। जम्मू - कश्मीर में एक तरफ विपक्ष जाने के जिद्द पर अड़ा था तो वहां का प्रशासन एयरपोर्ट से बाहर निकलने देना ही नहीं चाहता था। सुबह से ही चैनल वाले चिल्लाने लगे थे और हेडिंग बना कर भी चलाने लगे थे कि एयरपोर्ट से ही होगी वापसी। उधर कश्मीर से 370 धारा हटाने के बाद पाकिस्तान बच्चों के तरह चांद मांगने पर अड़ा है। उसकी मीडिया तो उन्माद फैलाने की तैयारी में है। एक दूसरे में होड़ लगा है। कांग्रेस तो भागम - भाग के बाद अब नया एपिसोड लाने की तैयारी कर रही है। कही उसके नये एपिसोड की स्थिति ' न खुदा ही मिला, न विसाल - ए - सनम ' वाली न हो जाए। चलो मिश्रा जी घर चलों तुम्होर कंपनी में भी कल से ताला लगने वाला है।   


 


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