" स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन के उद्देश्य से जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने लेखपालों के स्थानान्तरण ऐसी प्रक्रिया से किया है, जो चर्चा का विषय बनी हुई है। राजस्व परिषद के आदेश है कि 10 साल से ऊपर किसी एक तहसील में तैनात लेखपालों का स्थानान्तरण कर दिया जाये। मोदीनगर तहसील के 07 व सदर तहसील के 01 लेखपाल इस सूची में शामिल थे। तहसील से लेकर जिला तक जुगत बैठाई जा रही थी कि किसको कहाँ भेजा जायेमनचाही तहसील जाने के लिए कई भारी-भरकम शिफारिसें भी विभिन्न स्तरों पर पहुँच रही थी। परन्तु इन सारी कवायदो को जिलाधिकारी ने एक ही झटके में किनारे लगा दियाजिलाधिकारी ने स्थानान्तरण योग्य लेखपालों को सुबह 09-00 बजे कलेक्ट्रेट के सभागार में बुलवाया। लेखपालों की जिलाधिकारी के सामने तलबी उनका बी0पी0 बढ़ाने लगी थी, परन्तु जिलाधिकारी ने सभागार में पहुंच कर अपर जिलाधिकारी बी0पी0 बढ़ाने लगी थी, परन्तु जिलाधिकारी ने सभागार में पहुंच कर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) को बुलवाया और यह घोषणा की कि "लेखपालों को लॉटरी पद्धति के माध्यम से स्थानान्तरण किया जायेगा।" फिर तहसीलों के नाम की पर्ची लेखपालों के सामने ही तैयार कराकर मेज पर रख दीफिर एक-एक लेखपाल से पर्ची उठाने को कहा गया। जिस लेखपाल ने जिस तहसील की पर्ची उठाई, उसे उसी तहसील में भेज दिया गया। तत्काल स्थानान्तरण आदेश बनवाकर उन्हें जारी कर दिया गया10 साला स्थानान्तरण के बाद कुछ ऐसे लेखपालों को भी हटाने का निर्णय लिया गया, जो प्रशासनिक आधार पर उप जिलाधिकारियों द्वारा संस्तुति की गयी थी। इन लेखपालों के भी नामों की पर्ची बनाकर उनको लॉटरी पद्धति से तहसील में स्थानान्तरण कर दिया गया। इस प्रक्रिया में कुल 18 लेखपालों के स्थानान्तरण किये गये है, जिनके नाम निम्नवत् है – विजेद्र सिंह, भगत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, आशुतोष, किरणपाल गौतम, राहुल राठी, सुजीत कुमार, संजीव कुमार आदि है। जिलाधिकारी ने बताया कि "वे सभी लेखपालों को समान अवसर देना चाहते है, सबको समान मानते है। इस लिए बिना किसी भेदभाव, पारदर्शिता से स्थानान्तरण किये गये है। हॉ इन स्थानान्तरण के बाद उनकी कार्यक्षमता, ईमानदारी और परफोरमेंस पर नज़र रखी जायेगी। अच्छे कर्मचारियों को पुरूस्कृत किया जायेगा और गलत काम करने वालों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी।" जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि वह एक क्षेत्र में लम्बे समय से तैनात लेखपालों कोचिन्हित करें और इसी लॉटरी पद्धति से तहसील सीमा के अन्तर्गत उनका क्षेत्र बदलने का काम करें। लॉटरी पद्धति से हुए इन स्थानान्तरण के बाद लेखपालों ने पूरी संतुष्टि व्यक्त की। कुछ ने कहा कि भले ही हमें मनपंसद तहसील नही मिली, परन्तु हमें इस बात की खुशी है कि कोई शिफारिशें तो नही चलीं और कोई सिफारिशी आगे भी नही बढ़ पाया
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