युवाओं को नए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए : डॉ. जितेन्द्र सिंह  


नई दिल्ली। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के इलाकों के नई दिल्ली में पढ़ रहे छात्रों के साथ आज बातचीत की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के निर्णायक कदम पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र के युवाओं को इस कदम से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों से जमीनी जानकारी मिलना सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस तरह की बैठकें नियमित आधार पर भविष्य में भी होंगी। ताकि जमीन पर हो रहे विकास की गति के बारे में राज्य के युवकों से जानकारी मिल सके।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस तरह की बातचीत और छात्रों से प्राप्त जमीनी जानकारी से निहित स्वार्थों वाले व्यक्तियों द्वारा फैलाई जा रही ऐसी मनगढ़ंत बातों को खत्म किया जा सकता है कि भारत का हिस्सा होने के नाते जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद-370 अनिवार्य है और राज्य के युवक इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज विरोधी कुछ तत्वों द्वारा गलत व्याख्या करने और नकारात्मक प्रचार के कारण जम्मू कश्मीर के युवा विकास के लाभ से वंचित रहे गए जो देश के अन्य भागों के युवाओं के लिए उपलब्ध थे। अनुच्छेद-370 की मौजूदगी के कारण राज्य आतंकवाद से घिरा रहा। अब समय आ गया है जब जम्मू-कश्मीर के युवाओँ को वास्तविकता समझनी चाहिए और देश के विकास और वृद्धि का हिस्सा बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब युवाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रोजगार के अवसर, वेतन मान का बेहतर ढांचा और केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के समान राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारियों को लाभ उपलब्ध होंगे। धर्म-जाति और संप्रदाय के भेदभाव के बिना यह लाभ दिए जाएंगे। डॉ. सिंह ने युवकों को कड़ी मेहनत करने और उनके लिए उपलब्ध लाभों का फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि युवकों को अपने दिमाग से हर तरह का भय निकाल देना चाहिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि अनुच्छेद-370 जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा थी। उन्होंने आईआईटी जम्मू का उदाहरण दिया जिसकी केन्द्र ने मंजूरी दी थी। लेकिन राज्य में उत्पन्न परिस्थितियों के कारण उसे निदेशक नहीं मिल सका। इसी तरह की स्थिति एम्स के साथ भी हुई। आईआईएम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छात्र बेहतर अवसरों की खोज में राज्य से चले जाते थे क्योंकि बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता था और जम्मू-कश्मीर में उद्यम शुरू नहीं कर सकता था। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आश्वासन दिया कि यह स्थिति अब बदलेगी।
डॉ. सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के युवाओं का आईक्यू स्तर अधिक है लेकिन वह अवसरों से वंचित है। उनमें मौजूद अन्तर्निहित संभावनाओं को बाहर निकालने की जरूरत है।
बातचीत के दौरान छात्रों ने राज्य में उनके क्षेत्र में विकास के अभाव से जुड़े उदाहरण दिए और बताया कि किस प्रकार बेहतरी के लिए बदलाव की शुरुआत हो रही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के छात्रों को सरकार के सहयोग के लिए मंत्री महोदय को धन्यवाद दिया जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत प्रमुख विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने का अवसर मिला है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी जिनमें नए मेडिकल कॉलेज, राष्ट्रीय राजमार्गों, बैंक शाखाओं, स्कूलों आदि को खोलना शामिल है जो इससे पहले एक स्वप्न था।
छात्रों ने आशा व्यक्त की कि राज्य से विस्थापित लोगों को एक बार फिर अपनी जड़ों में वापस जाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अनुच्छेद-370 के समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सामाजिक-आर्थिक विकास देखने को मिलेगा और लोग आतंकवाद की बुराई से मुक्त हो सकेंगे।


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