11 दिसंबर की खुली चुनौती देकर उतरी


हापुड़़। जनपद हापुड़ के अंदर ग्यारह दिसंबर की खुली चुनौती देकर उतरी भाकियू  किसान यूनियन किया रोड जाम इमरजेंसी जैसे वहानों एंबुलेंस जैसी आम वाहनों को नहीं रोका गया, तथा और सभी वाहनों को रोड जाम कर दिया अपना धरना प्रदर्शन जनपद हापुड़ के अंदर आज शासन व प्रशासन को भाकियू  किसान यूनियन का खुला सामना अपनी समस्याओं व मांगों को लेकर नहीं हो गए खुश पेमेंट के रेट को लेकर, उधर किसान पर सबसे बड़ी परेशानी की गाज गिर रही है पुराली व पात्ती जलाना पड़ रहा है किसान को खुलेआम महंगा कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, कोर्ट के तो और बहुत आदेश हैं उन पर शासन व प्रशासन कितना कार्य कर रहा है, मगर किसान के लिए प्रदूषण  का नाम लेकर पुराली पात्ती  जैसी चीजों पर खुलेआम प्रताड़ित किया जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो गन्ना फैक्ट्रियों से 15 दिन के अंदर पेमेंट का भी था उस पर कितना असर कर रहे हैं अधिकारी, और कितनी जल्दी पेमेंट करा रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर,मगर किसान की पुराली पात्ती  पर सबको एक्शन लेना बन रहा है, गन्ना फैक्ट्रियां भुगतान नहीं कर रही किसान खुलेआम परेशान हो रहा है किसानों को बीज, बच्चों की पढ़ाई ,शादी व पार्टी, घर के अंदर हारी बेमारी, और भी किसान के ऊपर 50 खर्चे रहते हैं मगर किसान को पेमेंट नहीं खुलेआम प्रताड़ित किया जा रहा है किसानों को खुली चुनौती देकर उतरी भाकियू  किसान यूनियन के कार्यकर्ता मगर किसान की कोई सुनने को तैयार नहीं, उधर किसान नहीं है खुश गन्ने के इस रेट से किसानों को रेट 450  चाहिए बढ़ा हुआ ताकि किसान हो सके संतुष्ट, जिसके कारण किसानों ने किया आज रोड जाम पूरे हापुड़ के अंदर रहा आज यही नजारा किसानों के उठी आवाज, आखिर किसान पुराली को कहां ले जा कर रखें ,क्या करें उस पुराली का क्या किसानों की पुराली से ही इतना बवंडर हो रहा है प्रदूषण का चल रही है चारों तरफ  बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां जो उगल रही है खुलेआम जहर क्या वह प्रदूषण नहीं कर रही, क्या गन्ना मिले प्रदूषण नहीं कर रही, एक से एक बड़ी फैक्ट्री खुलेआम कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रही हैं मगर सबकी शक की सुई किसान पर ही जा रही है आखिर क्यों, जब किसान अपनी आवाज उठाते हैं तो प्रशासन उन पर कार्रवाई करने को खड़ा हो जाता है मगर किसान को जितना खुलेआम प्रताड़ित किया जा रहा है उससे ज्यादा सरकार क्या करेगी किसानों को समय पर गन्ना भुगतान नहीं मिल पा रहा किसान क्या करें, उधर आवारा पशुओं ने किसानों को बड़ा नुकसान दे रखा है मगर कोई भी शासन व प्रशासन का व्यक्ति इस मामले पर कुछ कहने बोलने को तैयार नहीं आखिर किसान को सरकार तो सरकार पशु भी परेशान कर रहे हैं कब मिलेगा किसान को इंसाफ, किसानों की मांगे वह शिकायत कोई गलत नहीं है वह अपनी शिकायतों और मांगे सही रूप से कर रहे हैं इनका मान सम्मान करना भी सरकार का फर्ज बनता है आखिर कोई रास्ता तो सरकार बताएं ताकि किसान खुलेआम खुशी संतुष्टि का नजारा देख सके कभी आखिर कब, भाकियू किसान यूनियन ने भरे गुस्से और रोष के अंदर गन्ने जलाकर  किया अर्धनग्न होकर प्रदर्शन तथा हाईवे जाम कर गढ़मुक्तेश्वर कोतवाल इंस्पेक्टर राजपालसिंह तोमर और तहसीलदार गढ़मुक्तेश्वर तहसीलदार गढ़मुक्तेश्वर हाईवे पर पहुंचे तथा अपने मुख्यमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन सौंपकर जाम खुलवा दिया, तथा उसके उपरांत हापुड़ के अंदर एडीएम साहब, हापुड़ एसडीएम साहब तथा पुलिस प्रशासन ने किसानों के प्रति कमान संभाली । इस अवसर पर जिला अध्यक्ष नीरज तोमर ,महिला विंग की अध्यक्ष बबली त्यागी,सचिव इफ्तिखार खां, राजू ठाकुर,गुलजार खां, ललित तोमर, राजेंद्र सिंह, बिल्लू, श्याम सुंदर सिंह ,बृजपाल चौहान, सहित सैकड़ों भाकियू कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।


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