लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा श्री नारायण गुरु का जन्म दिवस समारोह आयोजित


साहिबाबाद। “लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट” द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में “समता क्रान्ति” के प्रणेता, अस्पृश्यता, अगम्यता के घोर विरोधी अन्धविश्वास, आडम्बर, रूढ़िवाद, पाखण्ड, परम्पराओं से आम-जन के मुक्तिदाता श्री नारायण गुरु का “जन्म दिवस समारोह” आयोजित किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजवादी विचारक शिक्षाविद राम दुलार यादव रहे, अध्यक्षता मुकेश शर्मा लोक शक्ति अभियान के संयोजक ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव, संचालन विजय मिश्र ने किया, कार्यक्रम में श्री नारायण गुरु के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया गया, तथा समाज के कमजोर वर्गों में फल वितरित किया गया।
   जन्म दिन समारोह को सम्बोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक / अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि श्री नारायण गुरु का जीवन त्याग, तपस्या, सन्यास से ओतप्रोत था, उन्होंने 19वीं सदी में व्याप्त अशिक्षा, अन्धकार, अन्धविश्वास, अस्पृश्यता को दूर करने में सारा जीवन लगा दिया, वाल्यकाल से ही वे विद्रोही रहे तथा परिवार द्वारा देवता पर चढाने के लिए रखे मेवा, मिष्ठान को पूजा से पहले खा जाते थे, तथा परिवार के विरोध करने पर कहा करते थे कि यदि मै प्रसन्न रहूँगा, तो देवता स्वत: प्रसन्न हो जायेंगें। अन्धविश्वास पर गहरी चोट की थी, जब वे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तभी उन्हें आभाष हो गया था कि समाज में विषमता व्याप्त है, वह अशिक्षा के कारण है, दूसरा कारण आर्थिक रूप से विपन्नता है। उन्होंने लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया तथा कई पुस्तकालय का निर्माण करवाया, स्वास्थ्य के लिए उन्होंने आयुर्वेदिक औषधालय की स्थापना की। श्री नारायण गुरु का मानना था लोगों को आत्मनिर्भर होने के लिए कृषि, व्यापार, उद्योग लगाना चाहिए, तथा तकनीकी शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए, आर्थिक दृष्टि से जब समाज ताकतवर होगा और शिक्षित हो जायेगा तो अपने अधिकारों, कर्तव्यों के प्रति सचेत हो समाज की मुख्यधारा में आ जायेगा, अन्धकार से प्रकाश की ओर कदम बढ़ायेगा। उन्होंने महिलाओं के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन के लिए संस्था का निर्माण किया जिसका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाता था। उन्होंने सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए पूरे जीवन संघर्ष किया, आज 21वीं सदी में भी हम सामंतवाद, सामाजिक शोषण, आर्थिक असमानता के शिकार है। शैक्षणिक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में भी जातिवाद, धार्मिक पाखण्ड, अन्धकार और अन्धविश्वास से उबर नहीं पाये है। हमें संकल्प लेना है कि हम श्री नारायण गुरु जी के द्वारा सामाजिक परिवर्तन के लिए किये गये कार्यों को आगे बढ़ाते हुए समाज को नई दिशा मिले संघर्ष करते रहेंगें। उनके जन्म दिवस की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 



  कार्यक्रम में भाग लिया, राम दुलार यादव, मुकेश शर्मा, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, विजय मिश्र, मोहम्मद सलाम, श्री भगवान, पप्पू, हरिकृष्ण, प्रेम चन्द पटेल, अंकित राय, राजीव गर्ग, मो0 फूल हसन, सुरेश कुमार भारद्वाज, अमर बहादुर, सुभाष यादव, मो0 हीरा, हरिशंकर यादव आदि।


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