महर्षि दयानंद का समाज निर्माण में योगदान पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "महर्षि दयानंद का समाज निर्माण में योगदान" विषय पर ऑनलाइन "आर्य गोष्ठी" का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 81वां वेबिनार था।
चंडीगढ़ के सुप्रसिद्ध पंजाबी गायक राकेश शास्त्री ने गीतों व ग़ज़लों के माध्यम से महर्षि दयानंद के चरित्र व उपलब्धियों का गुणगान किया और उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश के बारे में बताते हुए कहा कि महर्षि दयानंद ने इस पुस्तक में अध्याय के स्थान पर सम्मुल्लास शब्द का प्रयोग किया अर्थात उत्साह,प्रसन्नता के रूप में दर्शाया गया है।हम सभी को अपने जीवन मे भी उत्साह व प्रसन्नता के भाव रखने चाहिए।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नई शिक्षा नीति के माध्यम से पाठ्यक्रमों में बदलाव करके युवाओं को देश की संस्कृति व शहीदों के बारे में जानकारी देने का निर्णय सराहनीय व राष्ट्र हित मे है।इस संदर्भ में देश के सभी आर्य शिक्षाविदों को आगे आना चाहिए जिससे पाठ्यक्रमों में हुई मिलावट को ठीक करें जिससे देश की भावी पीढ़ी देश के पुरातन गौरव पूर्ण भारतीय संस्कृति पढ़े जाने और गर्व करना सीखें।महर्षि दयानंद युग दृष्टा थे उन्होंने वैदिक जीवन पद्धति को बढ़ावा दिया।वैदिक जीवन पद्धति ही जीवन का मूल हो सकता है।शिक्षा केवल किताबी या अक्षर ज्ञान नही है बल्कि संस्कारों व संस्कृति का निर्माण है।महर्षि दयानंद स्वदेशी के सर्वप्रथम समर्थक थे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्म निर्भर भारत का संकल्प महर्षि दयानंद के सिद्धांतों की ही देन है।
अध्यक्षता करते हुए आर्य केन्द्रीय सभा गाज़ियाबाद के प्रधान आर्य नेता सत्यवीर चौधरी ने कहा कि महर्षि दयानंद के दिखाए मार्ग पर चलकर राष्ट्र का उद्धार सम्भव है और आज उनके द्वारा बताई शिक्षा को जन सामान्य तक पहुचाने का प्रयत्न प्रत्येक आर्य को करना चाहिए।हम सभी महर्षि दयानंद के संदेश को जन जन तक पहुचाने का संकल्प लें।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि आज के समय मे युवा वर्ग आसानी से भ्रमित होकर अपने देश की संस्कृति का मज़ाक उड़ाने में संलिप्त हो जाते है।हमे उनको अपनी भारतीय संस्कृति व संस्कारों से परिचित करवाना चाहिए।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी कच्चे घड़े के समान है उसे जिस तरीके से ढाला जाता रहा है उसी तरीके से वे ढल रहे थे आज परिवर्तन का समय है और सरकार के निर्णय का हम सभी स्वागत करते हैं।
गायिका संगीता आर्या,मृदुला अग्रवाल,दीप्ति सपरा,नरेश खन्ना, संध्या पाण्डेय,प्रतिभा सपरा, पुष्पा चुघ,गीता गर्ग,रवींद्र गुप्ता आदि ने ओजस्वी गीतों से समा बांध दिया।
आचार्य महेंद्र भाई,यशोवीर आर्य, विश्वपाल जयंत,अमरनाथ बत्रा, आनन्द प्रकाश आर्य,वीना वोहरा, अशोक बंसल,राजश्री यादव,के एल राणा,नरेश प्रसाद,यजवीर चौहान आदि उपस्थित थे।


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