113 वें जन्मदिन पर शहीद भगत सिंह को दी श्रद्धांजलि


शहीद भगत सिंह युवा शक्ति के आदर्श रहेंगे- राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। सोमवार केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में अमर शहीद भगत सिंह के 113वें जन्मदिन पर ऑनलाईन गूगल मीट पर प्रेरणा सभा का आयोजन किया गया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि शहीद भगत सिंह के बलिदान ने देश की आजादी की लड़ाई में लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया।उनका जन्म 28 सितम्बर 1907 को पाकिस्तान के ग्राम बंगा जिला लायलपुर में हुआ था।उनका नाम ही युवाओं के लिये आदर्श बन गया।अब लोगों को लगने लगा कि आजादी शांति पूर्वक धरनों से नहीं आएगी सशस्त्र संघर्ष करना ही होगा। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर गहरा प्रभाव डाला।भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसम्बर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अधिकारी जे० पी० सांडर्स को मारा था।इस कार्यवाही में क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी।क्रान्तिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने वर्तमान नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेण्ट्रल एसेम्बली के सभागार संसद भवन में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे।बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने अपनी गिरफ्तारी भी दी।
आर्य नेता नरेंद्र आर्य सुमन ने कहा कि भगतसिंह का परिवार आर्य समाज की विचारधारा से जुड़ा हुआ था और महर्षि दयानन्द से प्रेरणा लेकर देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़ा।उन्होंने देशभक्ति गीत सुनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
बीजेपी नेता प्रोमिला घई ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि शहीद राजगुरु,सुखदेव व भगत सिंह का नाम सदा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि क्रांतिकारी आंदोलन युवाओं का प्रिय आंदोलन बन चुका था अंग्रेजों को भारत छोड़ कर जाना ही था अंग्रेजी हकूमत कोई चरखे तकली से देश छोड़ कर नहीं गए इसके लिए हजारों लोगों ने बलिदान दिया था।
डॉ सुनील रहेजा,वीना वोहरा,उषा मालिक,प्रतिभा सपरा,विमला आहूजा,उषा आहूजा,इंद्रा वत्स, नरेश प्रसाद आदि ने देशभक्ति गीत सुनाये।
आचार्य महेन्द्र भाई,आनंदप्रकाश आर्य,प्रकाशवीर शास्त्री,यज्ञ वीर चौहान,देवेन्द्र गुप्ता,देवेन्द्र भगत, सुरेन्द्र शास्त्री आदि उपस्थित थे।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह व आर्य नेता विश्वनाथ आर्य के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
भवदीय,
प्रवीण आर्य


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