समीक्षा न्यूज नेटवर्क—
इस साल कार्तिक मास की अमावस्या 14 नवंबर 2020 को पड़ रही है। अमावस्या तिथि 14 नवंबर से प्रारंभ होकर दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक।
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में ताजे फूलों का प्रयोग करें, मां लक्ष्मी को बासी फूल या घर के फ्रिज में रखें एक दिन पूर्व के फूल न चढ़ाएं।
दीपावली के 5 दिवसीय त्योहार में हर किसी का बजट गड़बड़ा सकता है, ऐसे समय में अपने मन को शांत रखकर त्योहार की खुशी का इजहार करें। इस दिन किसी से भी झगड़ा न करें।
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना अतिआवश्यक है अत: इस दिन जाने-अनजाने में भी किसी बुजुर्ग का अपमान न करें।
भारत में हर एक त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है और जब दिवाली की बात आती है तो कुछ अलग ही महौल बन जाता है। क्योंकि दिवाली का त्योहार भारत देश में सबसे ज्यादा धूम-धाम के साथ मानाया जाता है। दिवाली के त्योहार को खुशियों का त्योहार के नाम से बुलाया जाता है। तो इस त्योहार को धूम-धाम से मनाना लाज़मी है। लेकिन पिछले कुछ सालों से लग रहा है कि दिवाली का त्योहार सिर्फ पटाखों का त्योहार बनकर रह गया है। और पटाखे बिना दिवाली मनाने की कोई नहीं सोचता क्योंकि अब दिवाली का महत्तव और उसकी परिभाषा ही बदल गई है। दिवाली का असली मतलब जैसे लोग भूल ही गए हैं। लगता है पटाखे बिना दिवाली लोग मना ही नहीं सकते हैं। साथ ही पटाखों से होने वाले नुकसान को भी भूल गए हैं। दिवाली शांति और खुशियों के साथ मनाई जाती है। घरों को सजाने से लेकर स्वादिष्ट खाना बनाने में दिवाली का असली मजा है। न की पटाखों से प्रदूषण करके दिवाली का मजा खराब करके। कैसे पटाखे के बिना दीवाली मनाने के लिए आप क्या कर सकतें हैं
लोगों को लगने लगा है कि दिवाली का त्योहार सिर्फ पटाखों के साथ ही मनाया जाता है। लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि पटाखे बिना दिवाली बेहतर तरीके से दिवाली मनाई जा सकती है। पटाखों से होने वाले नुकसान कई हैं। चिंता करने वाली बात यह है कि लोग दशहरा के त्योहार से ही पटाखों से प्रदूषण करना शुरु कर देते हैं। और दिवाली में पटाखे का नुकसान बहुत ज्यादा होता है। पटाखों से नुकसान न केवल इंसानों को दिक्कत होती है। साथ ही पटाखों से पर्यावरण को नुकसान होता है । इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पटाखे बिना दिवाली और आप कैसे पटाखे के बिना दीवाली मनाने के लिए क्या कर सकते हैं। जिससे आप इस साल पटाखे बिना दिवाली मनाएं और खुशियां बांट कर दिवाली को यादगार मनाएं।
कैसें मनाए बिना पटाखों के दिवाली
दिवाली का त्योहार परिवारों और रिश्तेदारों के साथ खुशियां बांटकर मनाने का त्योहार है। लेकिन यह रिवाज़ शायद अब र्सिफ किताबों में रह गया है। क्योंकि आज की पीढ़ी ने शौर में दिवाली मनाने का आनंद ढूंढ लिया है। युवा पीढ़ी को समझना होगा कि पटाखे बिना दिवाली मनाई जा सकती हैं। और जिस मज़े में उन्हें आनंद मिल रहा है। पटाखों से होने वाले नुकसान बहुत हानिकारक है। इस आर्टिकल में आपको पता चलेगा कि आप प्रदूणष मुक्त दिवाली मनाने का सही तरीका क्या है। और पटाखे बिना दिवाली जैसे अच्छे त्योहार का मज़ा लिया जा सकता है।दिवाली कैसे मनाई जाती है बिना पटाखों के यहां से देखें।
पटाखों से दूर, परिवार के साथ
इस साल से हम सब दिवाली मनाने का तरीका बदल लेंगे। आप सोच रहेंगे होंगे पटाखे बिना दिवाली कैसे मनाई जा सकती है। इस साल दिवाली पर सब पटाखों का साथ छोड़कर परिवार वालों का साथ लेंगे। पटाखे बिना दिवाली मनाने का कारण भी बहुत अच्छा है। यह बात खुद सोचने वाली है कि पटाखों से पर्यावरण को नुकसान कितना पहुंचता होगा। और सबसे ज्यादा पटाखों से हानि हम अपने आप को पहुंचा सकते हैं। अगर पटाखें जलाते समय न चाहते हुए पटाखों से होने वाले नुकसान आपके साथ हो गए तो दिवाली का मजा खराब हो सकता है। इससे अच्छा है आप अपने परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ मिलकर दिवाली जैसे पावन त्योहार का मजा उठा सकते हैं। परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ दिवाली का त्योहार मनाने से आप अच्छी यादें बटोर सकते हैं। जो पटाखों से प्रदूषण करने में तो बिल्कुल भी नहीं है। पटाखे बिना दिवाली मनाने से पटाखों से वायु प्रदूषण भी कम हो जाएगा।
जरुरत मंद की करें मदद
किसी भी दिन अगर हम किसी जरुरत मंद इंसान की मदद करते हैं। तो अंदर से एक अलग खुशी महसूस होती है। और सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस खुशी का हमें इंताजार नहीं करना होगा। बल्कि इस खशी को हम जब चाहे पा सकते हैं। और इस खुशी को पाने का मौका दिवाली का त्योहार से अच्छा तो और कोई हो ही नहीं सकता है। और इससे देखकर लगता है कि पटाखे बिना दिवाली मनाई जा सकती है। इस दिन आप किसी गरीब को मिठाईयां, कपड़े देकर मदद कर सकते हैं। अगर आप यह सब नहीं दे सकते हैं तो आप र्सिफ उनके पास जाकर दिवाली की बधाई भी दे सकते हैं। चीज़ों से ज्यादा जज्बात मायने रखते हैं। इससे आपको पता चल गया होगा कि पटाखे बिना दिवाली भी मनाई जा सकती है। और पटाखों से प्रदूषण के अलावा कुछ नहीं होता है। और यह याद रखें कि पटाखों से होने वाले नुकसान कितने होते हैं।
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