“प्राकृतिक चिकित्सा से डा. विनोद शर्मा द्वारा रोगियों का स्वास्थ्य लाभ”



हम दिनांक रविवार 22-11-2020 को वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून गये थे। आश्रम में हम प्रसिद्ध आर्य विद्वान आचार्य आशीष दर्शनाचार्य जी से मिले। कार्यालय में हम कार्यालय प्रबन्धक श्री विजेश गर्ग जी से मिले तथा आश्रम को विगत पचास वर्षों से अपनी सेवायें दे रहे स्वस्थ एवं वृद्ध बन्धु श्री राममूर्ति जी से भी मिले। हम स्वयं भी पचास वर्षों से आश्रम से जुड़े हैं। आश्रम को अपनी सेवायें देने वाले श्री राममूर्ति जी का आश्रम पहुंचने पर हमें भोजन करने व चाय आदि लेने का आग्रह रहता है। कल भी उन्होंने अनुरोध किया। अतः हमने उनके आग्रह पर चाय के लिये हां कर दी। वह चाय बनवाकर लाये और हम तीन व्यक्तियों ने कार्यालय में बैठकर जलपान किया। इसी बीच कार्यालय में आर्य विद्वान और प्राकृतिक रोग चिकित्सक डा. विनोद कुमार शर्मा जी कुछ व्यक्तियों के साथ आ गये। डा. विनोद शर्मा ऋषिभक्त तथा वैदिक सिद्धान्तों पर प्रभावशाली व्याख्यान देते हैं। वह युवा पीढ़ी में आ गये व्यस्नों एवं दुर्गुणों पर भी अपने विचार केन्द्रित कर उसे दूर करने के उपाय बताते रहते हैं। हमें उनके व्याख्यान बहुत प्रभावशाली, व्यवहारिक तथा प्रासंगिक लगते हैं। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा तथा वैदिक विचारधारा के प्रचार प्रसार को ही अपने जीवन का उद्देश्य बनाया है। पहले भी अनेक अवसरों पर हमने उनके व्याख्यान सुने हैं और उन्हें फेसबुक आदि के माध्यम से प्रचारित करते रहे हैं। 

हमारे पूछने पर डा. विनोद कुमार शर्मा जी ने बताया कि आजकल उनका तपोवन आश्रम की पहाड़ियों पर स्थित इकाई में प्राकृतिक पद्धति से रोग उपचार शिविर चल रहा है। उनके यूट्यूब चैनल ‘निरोग भारत’ से प्रभावित होकर अनेक लोग प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ लेने के लिए शिविर में आये हुए हैं। शर्मा जी समय समय पर आश्रम में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से रोगोपचार शिविर लगाते रहते हैं। देश के अन्य भागों में भी वह जाते हैं और शिविर के द्वारा लोगों को वैदिक विचारों से परिचित कराने के साथ प्राकृतिक रोग चिकित्सा के महत्व व उसके लाभों को बताते हैं। उन्होंने अब तक अनेक प्रकार के साध्य एवं असाध्य रोगियों को स्वस्थ भी किया है। कल जब हम उनसे बातें कर रहे थे तो उनके शिविर में रोहतक से पधारे श्री सन्दीप मलिक जी, बेंगलूर से पधारी एक बहिन एवं कुछ अन्य शिविरार्थी उपस्थित थे। इस अवसर का लाभ उठा कर हमने भी उनसे कुछ बातें की। उन्होंने बताया कि जो शिविर चल रहा है उसका नाम ‘‘कायाकल्प शिविर” है। उन्होंने कहा कि यह शरीर, मन व हृदय आदि के विकारों को दूर कर मनुष्य को स्वस्थ करने वाला शिविर है। अगला शिविर इस माह 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर, 2020 तक चलेगा। वर्तमान शिविर 19 नवम्बर से आरम्भ हुआ था। इसका समापन आगामी 25 नवम्बर, 2020 को होगा। 

डा. विनोद कुमार शर्मा जी ने बताया कि वर्तमान शिविर में देश के विभिन्न भागों से 13 शिविरार्थी उपचार हेतु पहुंचे हैं जिनकी चिकित्सा की जा रही है। शिविर में प्रातः योगासन कराये जाते हैं। प्राणायाम भी कराते हैं। दौड़ना, हंसना, भ्रमण करना भी होता है। शुद्धि क्रियाओं में जल नेति, रबड़ या सूत्र नेति, तेल नेति तथा कुंजन आदि क्रियायें शरीर की शुद्धि व शरीर के आन्तरिक मलों को दूर करने के लिये कराते हैं। इसके बाद मड थिरैपी करते हैं। इसमें पेट पर मिट्टी का लेप करते हैं। अनीमा से आंतों की सफाई करते हैं। इसके बाद रोगियों को भाप वा स्टीम देते हैं। इस क्रिया के बाद सूर्य स्नान या सन बाथ कराते हैं। रोगी को गड्ढे में गले तक मिट्टी से आवृत्त कर देते हैं। पूरे शरीर पर मिट्टी का लेप करते हैं। इससे सम्बन्धित कुछ चित्र भी डा. विनोद कुमार जी ने हमें दिखाये। उन्होंने बताया कि वह हवन की राख से भी शरीर पर लेप करते हैं। हवन भस्म में गुलाब जल व नारीयल का तेल आदि मिलाया जाता है। इसके अतिरिक्त शरीर पर हल्दी का लेपन भी कुछ समय के लिये किया जाता है। डा. विनोद जी ने बताया कि इन सब क्रियाओं से रोगियों को आशा से अधिक लाभ हो रहा है। अधिक भार वाले लोगों के शरीर का भार भी आश्चर्यजनक रूप से कम होता है और रोग निवारण भी हो रहा है। सभी रोगी शिविर में आकर उसके परिणामों से सन्तुष्ट हैं। जो शिविरार्थी उपस्थित थे उन्होंने भी शिविर में भाग लेकर हो रहे लाभों के प्रति अपना सन्तोष प्रकट किया। 

डा. विनोद कुमार शर्मा जी इन कार्यों को करते हुए वैदिक संस्कृति की रक्षा के कार्य भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार को घर घर व प्रत्येक झोपड़ी तक पहुंचाना है जिससे सब देशवासी स्वस्थ रहें और किसी को दवा का सेवन न करना पड़े। शर्मा जी ने बताया कि कल उनके पास एक सज्जन आये थे जिन्होंने उनका यूट्यूब चैनल ‘निरोग भारत’ देखकर अपने शरीर का भार 30 किग्रा. कम किया है। उन्होंने हमें यह भी बताया कि उनके शिविर में सभी मतों को मानने वाले लोग आते हैं और वैदिक सिद्धान्तों से परिचित होकर जाते हैं। शर्मा जी ने बताया कि उन्होंने शिविरार्थियों को दिखाने के लिये वेद भी रखे हुए हैं। सबको वेदों का दर्शन कराने के साथ वेदों का महत्व भी बताते हैं। डा. विनोद शर्मा जी ने बताया कि आजकल वह शिविरार्थियों को जो व्याख्यान देते हैं उसे वह अन्य लोगों को अपने चैलन के माध्यम से उपलब्ध भी कराते हैं तथा अपने मित्रों आदि को उसका लिंक भेजते हैं। इससे भी लोग लाभान्वित हो रहे हैं। 

हम विगत पांच से अधिक वर्षों से शर्मा जी को चिकित्सा व उपचार करते हुए देख रहे हैं। शर्मा जी ऊर्जा में भरे रहते हैं और अपने मिशन के लिये समर्पित हैं। हमने शर्मा जी को उनके उद्देश्य एवं कार्यों की सफलता के लिये शुभकामनायें दीं। उनके कुछ चित्र लिये और इसी के साथ हम उनसे मिलकर अपने निवास पर लौट आये। 

-मनमोहन कुमार आर्य

पताः 196 चुक्खूवाला-2

देहरादून-248001

फोनः09412985121


Post a Comment

0 Comments