आर्य समाज ए टी एस इंदिरापुरम की गोष्टी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज    

आत्म विकास से आत्मिक उन्नति सम्भव-डॉ कल्पना रस्तोगी

निर्धनों व वनवासियों लिए अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर बापा का कार्य सराहनीय  -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाज़ियाबाद। आर्य समाज ए टी एस इंदिरापुरम के तत्वावधान में "आत्मविश्वास के विविध आयाम" व सुप्रसिद्ध समाजसेवी सेवाव्रती अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर बापा की 151वीं जयन्ती" पर ऑनलाइन गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित की गई।

डॉ कल्पना रस्तोगी ने आत्मविकास के विविध आयाम विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि आर्य संस्कृति सदा आत्मविकास में विश्वास रखती है।जिसका अर्थ है स्वयं को उस स्तर पर  लाना जहां स्व से ऊपर उठकर मानव मात्र के कल्याण की भावना जागृत हो।आत्मविकास के लिए हमें क्रमश:आत्मचिंतन,आत्मलोचन, आत्म परिशोधन एवं आत्म विस्तार  के पथ पर अग्रसर होना होगा।जिस समाज व देश से बहुत कुछ लिया है उसकी उन्नति के लिए अपना योगदान देना चाहिए। पर्यावरण सुरक्षा भी हमारा कर्तव्य है।इसमें अपनी भावी पीढ़ी को साथ लेकर चलना होगा ।उन्हें अपनी समृद्ध संस्कृति से भी परिचित करवाना होगा।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सेवाव्रती अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर बापा का जन्म 29 नवम्बर 1869 को भावनगर (सौराष्ट्र,गुजरात) मे हुआ था।उन्हें निर्धनों की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर वे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बसे वनवासियों के बीच काम करने लगे।यह काम करते समय उन्होंने देखा कि वहाँ विदेशों से आये मिशनरियों ने विद्यालय,चिकित्सालय आदि खोल रखे थे,पर वे वनवासियों की अशिक्षा,निर्धनता,अन्धविश्वास आदि का लाभ उठाकर उन्हें हिन्दू से ईसाई बना रहे थे।बापा ने इस दुश्चक्रको तोड़ने का निश्चय कर लिया। इसके लिए वे हरिकृष्ण देव के साथ ‘भारत सेवक समाज’ में सम्मिलित हो गये।उन्होंने गांधी जी,गोपाल कृष्ण गोखले,देवधर दादा,सुखदेव भाई और श्रीनिवास शास्त्री के साथ भी काम किया,पर राजनीतिक कार्य उनके अनुकूल नहीं थे।इसलिए वे उधर से मन हटाकर पूरी तरह वनवासियों के बीच काम करने लगे।उन्हें सेवा कार्य में ही आनंद आता था।देश में कहीं भी,कैसी भी सेवा की आवश्यकता हो,वे वहां जाने को सदा तत्पर रहते थे।उनके जीवन से सभी को प्रेरणा लेकर समाज की सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आत्मविश्वास को मजबूत करने में योग व ध्यान का महत्वपूर्ण योगदान है।नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करने से धैर्य व आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

सुप्रसिद्ध गायिका सुदेश आर्या, राजश्री यादव,विचित्रा वीर, प्रतिभा सपरा,शशि चोपड़ा आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आर्य समाज ए टी एस इंदिरापुरम के प्रधान देवेन्द्र गुप्ता ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए सभी को अधिक से अधिक जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

मुख्य रुप से बिन्दु मदान,रजनी गोयल,सौरभ गुप्ता,यज्ञ वीर चौहान,शालिनी गोयल,इंदिरा गुप्ता,सुमन गुप्ता,शिप्रा गुप्ता, कुसुम आर्या,प्रशस्ति आर्या,सुमेधा अग्रवाल,मीरा आर्या,अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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