जीवन में सफलता कैसे पाये?पर विचार गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

धर्मयुक्त कर्म,सत्य व सफलता की कामना से ही सफलता सम्भव-आचार्य उषर्बुद्ध(जयपुर)

दृढ़ निश्चय,संकल्प व पुरुषार्थ सफलता के लिए आवश्यक-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य 

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में जीवन मे सफल कैसे हो? पर ऑनलाइन गोष्ठी का  आयोजन गूगल मीट पर  किया गया।यह परिषद का कोरोना काल में 122वां वेबिनार था।

वैदिक विद्वान आचार्य उषर्बुद्ध ने कहा कि यदि आपकी आत्मा सत्यता स्वीकार करते हुए चल रही है तो वह सखा के समान आपकी सहायता करेगी।जिस कार्य के लिए आत्मा ही कह रही है कि ये सही नही है तो वो सफलता का मार्ग नही हो सकता।वेद सत्य को सबसे बड़ा मानता है।मनुष्य को सफल तब कह सकते है जब सत्य,ऐश्वर्य, सम्पदा व चारों ओर यश हो।उन्होंने बताया कि सफलता वही प्राप्त कर सकते हैं जिनके मन मे कामना(सफलता) करने की इच्छा है।जिनके अन्दर कामना नही उन्हें सफलता नही मिल सकती,बुद्धि से मनन चिंतन करने वाले लोग,सफलता का अर्थ धर्म- युक्त कार्य करते हुए अपनी बुद्धि को गतिशील रखते हैं,उन्हें ही सफलता का मार्ग प्राप्त होता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज मनुष्य जीवन में व्यक्ति अपने सपनों को पूरा कर सफलता प्राप्त करना चाहता है। इस दौड़ में कुछ लोग सफलता प्राप्त कर आगे निकल जाते हैं वहीं कुछ लोगों को असफलता का मुंह देखना पड़ता है।यदि सकारात्मक रुप से देखा जाए तो असफलता से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है।सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले कर्म करना आवश्यक है लोग कामना करते हैं कि ये कार्य हो किन्तु उसका प्रारंभ नही करते बिना कर्म के कोई फल नही मिलता।अपना कार्य स्वयं समय पर करने वाला व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है।

कार्यक्रम अध्यक्ष के आर्य नेता हरिचंद स्नेही ने कहा कि परम पिता परमेश्वर के प्रति आस्था व समर्पण करने से हम सब को शक्ति प्राप्त होती है।

प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि अपने जीवन में हमेशा उसी चीज को हासिल करने का लक्ष्य रखें,जिसे करने में आपकी रुचि भी हो।

योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि सफलता प्राप्त करने हेतु अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखना व समय का पालन करना अनिवार्य है।

आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने कहा कि लोग क्या कहेंगे,मुझसे नही होगा, मेरा विचार नही है,मेरी किस्मत खराब है जो इस प्रकार के चिंतन करते है वो कभी सफल नही हो सकते।

गायक रविन्द्र गुप्ता,रजनी गोयल, जनक अरोड़ा,प्रतिभा सपरा, उर्मिला आर्या,कृष्णा गाँधी,प्रतिभा कटारिया,दीप्ति सपरा आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आचार्या महेन्द्र भाई,रघुनाथ आर्य(चंडीगढ़),आचार्य आनन्द पुरुषार्थी(होशंगाबाद),पूरनचंद आर्य(रांची),अर्जुन देव दुरेजा (सोनीपत),अनिल सेठी,आनन्द सूरी(बंगलोर),विजेन्द्र गर्ग(हापुड़), देवेन्द्र गुप्ता(इंदिरापुरम),अर्जुन कालरा(जयपुर) आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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