"राष्ट्र निर्माण में हमारी भूमिका" पर गोष्टी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज             

देश के प्रति समर्पण की सोच रखे -आचार्या धर्मरक्षिता शास्त्री

राष्ट्रवाद राष्ट्र के प्रति निष्ठा का प्रतीक -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य 

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में 'राष्ट्र निर्माण में हमारी भूमिका" पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन  गूगल मीट पर  किया गया।यह परिषद का कोरोना काल में 123 वां वेबिनार था।

वैदिक विदुषी आचार्या धर्मरक्षिता शास्त्री (गौरखपुर) ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वेद मार्ग पर चलते हुए देश और समाज की उन्नति में योगदान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। महर्षि दयानंद के जीवन,आदर्शों और शिक्षाओं का अनुसरण कर हम सफल जीवन जी सकते हैं। नारी समाज के उत्थान का श्रेय महर्षि को जाता है।महर्षि दयानंद ने जिन उद्देश्यों को लेकर आर्य समाज की स्थापना की थी उनकी पूर्ति के लिए सभी को मिल कर काम करना चाहिए और जिस राष्ट्र ने हमें सब कुछ दिया उसके प्रति सदैव समर्पण भाव रहना चाहिए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए लोगों को अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाया।उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने का अधिकार दिलाया।महर्षि दयानन्द का अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश पढ़ कर हम जीवन के हर पहलु के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के वक्तस्व्य की कड़ी निंदा करते हुए दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि उसकी राष्ट्र के प्रति कैसी सोच है।राष्ट्र सर्वोपरि है राष्ट्र रहेगा तो हम सब रहेगे " राष्ट्रवाद" राष्ट्र के प्रति त्याग,समर्पण व निष्ठा का प्रतीक है।राष्ट्रवादी भावना के कारण ही व्यक्ति बड़े से बड़ा बलिदान देने को तत्पर हो जाता है।कवि के शब्दों में फल खाए इस वृक्ष के गंदे कीन्हे पात,यही हमारा धर्म है, जल मरें इसी के साथ।

कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य नेत्री अंजु बजाज ने महर्षि दयानन्द को नारी जाति का उद्धारकर्ता बताया और साथ ही सभी से नारी के सम्मान का संकल्प दिलवाया।

प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने वैदिक संस्कृति के अनुसार युवाओं को अपना जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया।

प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने युवाओं में देश भक्ति की भावना भरने के लिए देश भक्त क्रांतिकारियों की जीवनी पढ़ने को प्रेरित किया ।

गायक नताशा कुमार(बंगलोर), रविन्द्र गुप्ता,रजनी गोयल,जनक अरोड़ा,ईश्वर देवी (अलवर),विजय हंस,दीप्ति सपरा,शोभा सेतिया आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य रुप से आनन्द प्रकाश आर्य, नरेन्द्र सोनी,प्रेमलता सरीन, अनिल सेठी,आनन्द सूरी,विजेन्द्र गर्ग,देवेन्द्र गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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