कैमिकल विस्फोट हादसे में आंखो की रोशनी गंवा बैठे राहुल अब जला रहे है ईको फ्रेंडली उत्पादो की अलख


धनसिंह—समीक्षा न्यूज—   
गाजियाबाद। औधोगिक नगरी गाजियाबाद जनपद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित रिवर हाइट परिसर में इस समय उत्तर प्रदेश  एक्सपोर्ट प्रमोशन कांउसिल का बाजार मेला चल रहा है। यह मेला उत्तर प्रदेश सरकार का पायलेट प्रोजेक्ट है, जिसमें देश के अन्दर ही तैयार उत्पादो को बेचा जा रहा है,ताकि देश के छोटे और मझोले उद्यमियो को आगे बढने को मौका मिल सके। इस मेले में अपोहन इन्डिया समूह ने आॅगेंनिक उत्पादो यानि जीवन मित्र वस्तुओ का स्टाॅल  भी लगाया हुआ है,जो इस मेले में जनता के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इस स्टाॅल के संचालक डा0 राहुल चतुर्वेदी है, जो एक कैमिकल हादसे में अपनी दोनो आंखो की रोशनी खो बैठे । डॉक्टर चतुर्वेदी भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आर्युवेदिक  चिकित्सक भी रह चुके हैं वर्तमान  मैं भी वह राष्ट्रपति की आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्रभार संभाले हुए हैं  उनका कहना है कि जब कैमिकल से आंखो की रोशनी जा सकती है तो अगे्रजी कैमिकल खादो से तैयार खादय उत्पाद मानव जीवन को कितना नुकसान पहंुचा सकते है इसकी कल्पना करना भी बहुत मुश्किल है।इस हादसे ने ही डा0 राहुल को जीवन मित्र वस्तुओ को आम नागरिको के बीच ले जाने के लिए प्रेरित किया। अपोहन इण्डिया समूह के बैनर तले  इस समय सभी प्रकार की देसी दालों ,चावल ,घी ,वनस्पति व फूलो के रस से तैयार पूजा सामग्री ,खास कपडे से बने मैजिक गमले ,सौन्द्रय प्रसाधन , आंवले से बनी बिना मावे और चीनी की मिठाइयां, लडडू , पवन चक्की से पिसा बेसन व आटा लोगो को खूब मन को लुभा रहा है। खास बात यह है कि इन उत्पादो की बिक्री से जो आय होती है उस पैसे को देहात क्षेत्र से निकले गरीब ,होनहार छात्रो की शिक्षा पर खर्च किया जाता है। गाजियाबाद के स्वर्णजयन्ती पुरम में डा0 राहुल चतुर्वेदी राष्टरीय समाज एवं धर्मार्थ सेवा संस्थान के तत्वावधान में गुरूकुल चलाते है जहां 42 गरीब विधार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। मेले में डा0 राहुल उपभोक्ताओ  को जीवन मित्र वस्तुओ के उपभोग के फायदो के बारे में भी बिन्दुवार जानकारी देते है। इस दौरान वह  नकली और असली जीवन मित्र वस्तुओ की पहचान के बारे में भी उपभोक्ताओ को जानकारी देते है। इस बार प्रदूषण मुक्त दीवाली पर्व मनाने हेतु लाइटिंग के लिए उन्होने गाय के गोबर से तैयार ईको फेंडली दीये तैयार किये है जिनकी लो से बिल्कुल भी प्रदूषण नही फैलेगां। इन  दीयो  की खास बात यह है कि जब दीपक बुझ जाता है तो उसे किचन गार्डन या खेत की मिटटी में डालेगे तो उस दीये से तुलसी का पौधा अपने आप उग आता हैं । इसलिए इस दीये का नाम मैजिक दीया रखा गया  है।


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