स्वतंत्रता सेनानी भाई परमानन्द की 73 वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि



धनसिंह—समीक्षा न्यूज     

स्वतंत्रता आंदोलन में आर्य समाजियों की अहम भूमिका-स्वामी अखिलानंद जी

भारत बंद समस्या का हल नहीं है-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में भाई परमानन्द जी की 73 वीं पुण्यतिथि पर "भारतीय संस्कृति का उत्थान कैसे हो" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया।यह कोरोना काल मे 131वां वेबिनार था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि भाई परमानन्द जी का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा,वह महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरणा पाकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।भाई जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे।वे जहाँ आर्यसमाज और वैदिक धर्म के अनन्य प्रचारक थे, वहीं इतिहासकार,साहित्य मनीषी और शिक्षाविद् के रूप में भी उन्होंने ख्याति अर्जित की थी। सरदार भगत सिंह,सुखदेव,पं॰ राम प्रसाद 'बिस्मिल',करतार सिंह सराबा जैसे असंख्य राष्ट्रभक्त युवक उनसे प्रेरणा प्राप्त कर बलि-पथ के राही बने थे।देशभक्ति,राजनीतिक दृढ़ता तथा स्वतन्त्र विचारक के रूप में भाई जी का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा।आपने कठिन तथा संकटपूर्ण स्थितियों का डटकर सामना किया और कभी विचलित नहीं हुए।आपका स्पष्ट मत था कि इतिहास में जाति की भावनाओं, इच्छाओं,आकांक्षाओं,संस्कृति एवं सभ्यता को भी महत्व दिया जाना चाहिए।आपने अपने जीवन के संस्मरण भी लिखे हैं जो युवकों के लिये आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।हमें अपने क्रांतिकारियों को याद रखना चाहिए व उनके बलिदान से राष्ट्र रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत बंद समस्या का हल नहीं है आपसी बातचीत से ही निदान ढूंढना चाहिए।

आर्य संन्यासी स्वामी अखिलानंद जी(आचार्य,गुरुकुल पूठ,हापुड़) ने कहा कि वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष हैं।यदि सकारात्मक पक्ष विकास,आर्थिक उन्नति, औद्योगिकीकरण,उत्पादकता और रोजगार है तो नकारात्मक पक्ष संस्कृति का पतन, अपसंस्कृति का उत्थान और शोषित वर्ग का और भी शोषण है।उन्होंने कहा कि युवा वर्ग भारतीयता से दूर होता जा रहा है।नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है।परिणाम स्वरूप मानवता कराह रही है।इन समस्याओं को दूर करने के लिए बुद्धिजीवी खासकर शिक्षक समाज को आगे आना होगा।भौतिक संसाधनों का विकास हो रहा है तो वहीं प्राकृतिक संसाधनों का विनाश हो रहा है,जो मनुष्य के अस्तित्व को ही खतरे में डाल सकता है। पर्यावरण संतुलन के लिए उपयोगी विविध वनस्पति और जंतु विलुप्त हो रहे हैं।अब हमें भारतीय ज्ञान परंपरा को जीवित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे

कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य नेता राजपाल सिंह आर्य (प्रधान,आर्य विद्या सभा,शामली) ने कहा कि नयी पीढ़ी को अपने देश भक्तों के बारे में पढ़ाने की आवश्यकता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि  युवाओं को भारतीय संस्कृति से अवगत कराकर राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर पुनः स्थापित किया जा सकता है।

प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि जतीन के नाम से विख्यात बंगाल के क्रान्तिकारी स्व. जतीन्द्रनाथ मुखर्जी की आज 141वें जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

गायिका दीप्ति सपरा,प्रतिभा सपरा,द्रोपदी तनेजा,संध्या पांडेय, सुषमा बुद्धिराजा,रविन्द्र गुप्ता, ईश्वर देवी(अलवर),संतोष आर्या, रजनी गोयल,आशा आर्या आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य रूप से आनन्द प्रकाश आर्य,यशोवीर आर्य,डॉ रचना चावला,कुमकुम खोसला,देवेन्द्र गुप्ता,संतोष शास्त्री,वीना वोहरा, प्रकाशवीर शास्त्री,देवेन्द्र भगत, ईश आर्य आदि उपस्थित थे।

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