राम दुलार यादव ने मनाया महापरिनिर्वाण दिवस
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ‘‘भगवान बुद्ध निः शुल्क पुस्तकालय, वाचनालय आश्रम रोड मेन मार्किट के पं्रागण में डॉ0 भीमराव अम्बेदकर संविधान निर्माता, भारत रत्न करोड़ो, शोशितो पीड़ितो, दलितों के मसीहा की पुण्य तिथि का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता अरूण कुमार मौर्य ने किया। मुख्य अतिथि संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री राम दुलार यादव शिक्षाविद रहे, संचालन मुकेश शर्मा, आयोजन सुनील कुमार ने किया। विशिष्ट अतिथि समाजवादी महिला सभा की जिला उपाध्यक्ष संजू शर्मा भी शामिल रही। महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा बिन्दू राय ने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में शामिल सभी छात्रों तथा गणमान्य नागरिकों ने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धां सुमन अर्पित कर बाबा साहेब के बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हुऐ सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का भी प्रण लिया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुऐ संस्था के संस्थापक अध्यक्ष रामदुलार यादव ने कहा कि डा0 अम्बेडकर व्यक्ति को ताकतवर बनाना चाहते थे उनका दर्शन व्यक्ति की स्वतन्त्रता पर आधारित है। महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गो के अधिकारों और उत्थान के लिए कार्य करते रहे वे समता, स्वतन्त्रता, न्याय और बन्धुता के प्रबल पक्षधर रहे। उन्हांेने व्यक्ति के किसी प्रकार के शोषण के विरोधी , शोषण मुक्त समाज बनाने के लिए सारा जीवन होम कर दिया। अन्याय, अत्याचार और आडंबर से उन्हें नफरत थी, वे समाज में सदभाव, प्रेम, भाईचारा का वातावरण बने चाहते थे, वे धर्म को तर्क और ज्ञान की कसौटी पर कस कर विश्वास करने का प्रचार करते थे। जो धर्म व्यक्ति के व्यक्ति के छूने मात्र से अपवित्र हो जाता हो, जानवरों के छूने से उसकी प्रवित्रता भंग नही होती समूल नाश कर समता मूलक समाज बनाना चाहते थे। इसलिए संविधान में मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गयी।
हम आज 21वीं शदी में भी जातिवाद, भेदभाव, धार्मिक पाखण्ड, रूढिवाद, परम्परावाद के शिकार है हम इन सामाजिक और धार्मिक बुराईयों पर विजय प्राप्त नही कर पा रहे है। सदभाव, भाईचारा, सहयोग और प्रेम की भावना नही पैदा कर पा रहे है। विविधता में एकता को स्थापित नही कर पा रहे। इन बुराईयों को तभी मिटाया जा सकता है, जब बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेदकर के विचार और दर्शन को जानेगें, तब शोषण, असमानता तथा नफरत से मुक्त हो सकते है। वे महान अर्थशास्त्री भी थे तथा व्यक्ति को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए अवसर की असमानता के घोर विरोधी रहे, बेरोजगारी, गरीबी, अत्याचार तभी दूर होगा, जब बिना भेदभाव के समान व्यवहार प्रत्येक व्यक्ति से होगा। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव हो मास्क वितरित किया गया।
कार्यक्रम में शामिल रहे। रामदुलार यादव, मुकेश शर्मा, सुधा गौतम, सुनील कुमार, संजू, मंजू, नन्दू यादव, सागर, मनीष यादव, पूजा, मनीष यादव (द्वितीय), खुशबू, नीशू, रंजीत, मोहित, निशात, पंकज, पारस, प्रमोद कुमार, शुभम, मुकेश शर्मा, संजू शर्मा, विन्दू राय, दयाल शर्मा, विजय भाटी, सुमन, आशा, बबीता, ललिता देवी, सीता, गेनिता, सुभाष यादव ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
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