बाबा गाडगे जी महाराज की पुण्य तिथि मनायी




धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। महान संत सामाजिक क्रांन्ति के अग्रदूत, विलक्षण प्रतिभा के धनी रूढिवाद, पाखंडवाद पूर्ति पूजा के घोर विरोधी बाबा गाडगे जी महाराज की पुण्य तिथि महात्मा गांधी हाल, एस-52 हर्षा कम्पाउंड लोनी रोड मोहननगर इन्डस्ट्रीयल ऐरिया के प्रांगण में आयोजित की गयी । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उदधाटन, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष रामदुलार यादव रहे अध्यक्षता समाज सेवक कालीचरण फौजी ने, आयोजन सविता ने संचालन  बैजनाथ रजक ने किया। वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, जिला महासचिव, समाजवादी पार्टी गाजियाबाद, रामगनेश कुशवाह , सी0पी0सिंह, सतेन्द्र सिंह, सतीश भाई, गया प्रसाद,, महिला सभा जनपद उपाध्यक्ष सपा संजू शर्मा, समाज सेविका रेनू पूरी किरन, राकेश सिंह, सुरेन्द्र यादव, उपेन्द्र गुप्ता, गुडडू यादव सहित सभी कार्यक्रम में शामिल साथियों ने बाबा गाडगे के चित्र पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया। महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष विन्दू राय ने गीत गाकर बाबा गाडगे को स्मरण किया। सुरेन्द्र सिंह, श्री राम कुशवाह, रामपाल शाक्य ने बाबा गाडगे के बारे में विचार व्यक्ति किये। आयोजन अखिल भारतीय धोबी महासंघ ने किया। वैशविक महामारी कोरोना का ध्यान रखते हुए लोक शिक्षा अभियान ट्रस्ट ने मास्क भी वितरित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा विद् रामदुलार यादव ने कहा कि बाबा गाडगे सामाजिक क्रान्ति के पुरोधा रहे। वे जीवन भर , अन्याय, अत्याचार, शोषण से आम जनता की मुक्ति के लिए लडते रहे । उनका जीवन बहुत कठिनाइयों में बीता वे 12 वर्ष तक अज्ञात में रहकर समाज में व्याप्त छुआछूत, उंचनीच, विषमता, रूढिवाद, अन्ध विश्वास, पाखंड, मानव  मानव में अंतर तथा सामाजिक, कुरीतियों को नजदीक से देखा, तथा उन्हें आभास हो गया गया था इसका मूल कारण अशिक्षा है। उन्होंने गाॅव-गाॅव जाकर भजन गाकर लोगों को प्रेरणा दी चाहे आपके गहने बिक जाय, खाने पीने पर कम खर्च करो, कपडे सस्ते पहनो यहाॅं तक वर्तन भी आप के बिक जाय तो भी अपने बच्चों को शिक्षित बनाओं वह समझ गये थे शिक्षा से ही सम्मान आम जन को मिलेगा और असमानता दूर होगी। समाज में सद्भाव, भाई चारा, प्रेम व सहयोग बढेगा। वे गाॅंव-गाॅव गली-गली जाकर स्वच्छता अभियान चलाते थे तथा गाॅववासियों में सफाई का प्रचार, प्रसार करते थे। वे गंदी गलियों को स्वयं साफ करने लगते थे। उन्होंने पांखड का विरोध करते हुऐ कहा कि मूर्ति पूजा तीर्थ स्नान यात्रा करने से कोई लाभ नही इन्हीं कारणों से हम मानसिक गुलाम बने है। हमारा शोषण हो रहा है। हमें अपना धन भुखे को भोजन प्यासे को पानी जरूरतमंद को दबाई, वस्त्रहीन को वस्त्र  देने में खर्च करना चाहिए। अशिक्षित को शिक्षित करने में अपने धन का प्रयोग करना चाहिए। बाबा गाडगे महिलाओं और पुरूषों का समान अधिकार मिले अपने भजन में स्थान देते थे। यद्यपि वे अशिक्षित थे, उन्हें जो ज्ञान प्राप्त हुआ वह अनुभव से हुआ था। उन्हेंाने शिक्षा के लिए विद्यालयों, छात्रावासों, चिकित्सालयों, गोशाला तथा धर्मशाला का निर्माण किया। हम बाबा संत गाडगे के बताये रास्ते पर चलने का संकल्प ले उनके प्रति हमारी यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल रहे रामदुलार यादव, वैजनाथ रजक, सी0पी0सिंह, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, गया प्रसाद, कालीचरण, फौजी श्रीराम कुशवाह, रामगनेशी कुशवाह, सतेन्द्र सिंह, सतीश खोडा रामपाल शाक्य, सचिन कन्नोजिया, संजय, ब्रजेश, सौरभ, नागेन्द्र कुशवाहा, पुरन जी,ललीत रजक, चंदन रजक, शिव सिंह, ज्योति रजक, सविता देवी, श्याम जी, गौरव दिवाकर, राहुल दिवाकर, धर्मेन्द्र कुशवाह रागिनी देवी, विन्दूराय, संजू शर्मा, रेनूपुरी, जगदीश, विशम्भर मौर्य आदि प्रमुख लोगों ने बाबा गाडगे को स्मरण करते हुए उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

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