यज्ञ उत्सव व विजय दिवस पर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

सैनिक किसी भी राष्ट्र का गौरव होते है-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

परोपकार की भावना से किया कार्य यज्ञ है -आर्य नेत्री उर्मिला आर्या

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "देव यज्ञ का वैज्ञानिक स्वरूप" विषय व 1971 के विजय दिवस पर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन जूम पर किया गया।यह कोरोना काल में परिषद् का 135 वां वेबिनार था।

वैदिक विदुषी उर्मिला आर्या ने कहा कि यज्ञ पर्यावरण की शुद्धि का सर्वश्रेष्ठ साधन है।यह वायुमंडल को शुद्ध रखता है।वर्षा होकर धनधान्य की आपूर्ति होती है।इससे वातावरण शुद्ध व रोग रहित होता है।यज्ञ ऐसी ओषध है जो सुगंध भी देती है,पुष्टि भी देती है तथा वातावरण को रोगमुक्त करती है,उन्होंने कहा कि यज्ञ ही संसार का सर्वश्रेष्ठ शुभ कार्य है।इसे करने वाला व्यक्ति सदा रोग मुक्त व प्रसन्नचित रहता है।परोपकार की भावना से किया प्रत्येक कार्य यज्ञ कहलाता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सैनिक किसी भी राष्ट्र का गौरव व स्वाभिमान होते है। प्रत्येक राष्ट्र अपने सैनिकों पर गर्व करता है।भारत के इतिहास में 16 दिसम्बर 1971 का दिन बड़े सम्मान के साथ विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस दिन के भारत पाक युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की एतिहासिक विजय हुई थी और  93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्म समर्पण कर दिया था।इस विजय के पश्चात पूर्वी पाकिस्तान स्वतन्त्र हो गया,जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।हमें अपनी बहादुर सेना पर गर्व है और उस युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों को शत शत नमन करते हैं।

कार्यक्रम अध्यक्ष  केन्द्रीय आर्य युवती परिषद की नेता कमलेश हसीजा ने कहा कि यज्ञ' का अर्थ केवल आग में घी डालकर मंत्र पढ़ना नहीं होता।यज्ञ का अर्थ है- शुभ कर्म,श्रेष्ठ कर्म,सतकर्म, वेदसम्मत कर्म।सकारात्मक भाव से ईश्वर-प्रकृति तत्वों से किए गए आह्‍वान से जीवन की प्रत्येक इच्छा पूरी होती है। 

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि कभी कभी मानव किन्ही संक्रमित रोगाणुओं के आक्रमण से रोग ग्रसित हो जाता है।इस रोग से छुटकारा पाने के लिए उसे अनेक प्रकार की दवा लेनी होती है।हवन यज्ञ जो बिना किसी कष्ट व् पीड़ा के रोग के रोगाणुओं को नष्ट कर मानव को शीघ्र निरोग करने की क्षमता रखते हैं।

योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 70वीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए कहा कि वे राष्ट्र की एकता एवं अखंडता के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले स्वतंत्र भारत के शिल्पी थे।सरदार पटेल जी की नि:स्वार्थ देशभक्ति और दृढ़ संकल्प-शक्ति हम सभी के लिए प्रेरणीय है।

गायिका संगीता आर्या,दीप्ति सपरा,रजनी गोयल,उर्मिला आर्या,आशा आर्या, ईश्वर देवी, उर्मिला आर्या,पुष्पा चुघ,बिन्दु मदान,जनक अरोड़ा, रविन्द्र गुप्ता,डॉ रचना चावला,आशा आर्या आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य रूप से आनन्द प्रकाश आर्य,यशोवीर आर्य,कुमकुम खोसला,देवेन्द्र गुप्ता,संतोष शास्त्री,प्रकाशवीर शास्त्री,सविता आर्या,प्रतिभा कटारिया,अर्जुन कालरा आदि उपस्थित थे।

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