समीक्षा न्यूज
लोनी। पिछले पांच सालों से उत्तर प्रदेश में नम्बर १ पर आने वाली लोनी नगर पालिका में कूड़े के ढ़ेर आपको जगह जगह देखने को मिलेंगे। जहां भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चला रखा है वहीं लोनी नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले बंद फाटक लोनी बॉर्डर रोड़ पर पाइपलाइन के किनारे कूड़े ढेर नजर आ जायेंगे। नगर पालिका की ओर से कूड़ा मैनेजमेंट के तहत लाखों रुपए खर्च कर, नीले हरे रंग के डस्टबिन सभी इलाकों में रखने की योजना बनाई गई। फिर कुछ दिनों तक तो सफाई कर्मचारियों ने घर घर जाकर अपना काम किया, लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष व सभासदों की गैर जिम्मेदारी के कारण ही है योजना कूड़े के ढेर में चली गई।
अभी तो यह आलम है कि सप्ताह में एक बार सफाई कर्मचारी आते हैं, नालियों से कूड़ा निकालकर गलियों के किनारे छोड़ जाते हैं और फिर यह कूड़ा सूखकर गलियों में धूल बनकर उड़ता है, जो कि ना जाने कितनी तरह की बीमारियों का उत्पन्न करता है। जैसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी को बीमारी से ग्रस्त होने की आकांक्षा रहती है।
कोरोना कॉल को देखते हुए जहां सरकार, अधिकारी और आम जनता सावधानी बरत रही है, इसी दौरान उत्तर प्रदेश की नंबर वन नगर पालिका लोनी कूड़े के ढेर, धूल मिट्टी और नालियों में गंदगी होने के कारण बीमारियों को आमंत्रण दे रही है।
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