धनसिंह—समीक्षा न्यूज
लाल बहादुर शास्त्री भारत माँ के अनमोल रत्न थे-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गृहस्थ आश्रम सर्वश्रेष्ठ है-आचार्य अवनीश मैत्री
गाज़ियाबाद। आर्य समाज ए टी एस इंदिरापुरम का वैदिक सत्संग ज़ूम पर सोल्लास संम्पन्न हुआ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री भारत माता के अनमोल रत्न थे,वह सादगी व सरलता का एक उदाहरण रहे।एक निर्धन परिवार से प्रधानमंत्री तक की यात्रा उनके संघर्ष व महान संकल्प की कहानी है, 11जनवरी 1966 को ताशकंद में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गई थी जो आज तक संदेह के घेरे में है।उन्होंने ही जय जवान जय किसान का नारा दे कर एक समय अन्न त्याग करने का आह्वान किया था जिससे बाहर से अन्न न मंगवाना पड़े वह एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे ऐसा व्यक्ति मिलना बहुत कठिन है आज के राजनेताओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
वैदिक विद्वान आचार्य अवनीश मैत्री(उदयपुर) ने कहा कि गृहस्थ जीवन सबसे उपयोगी व सर्वश्रेष्ठ है,पितृ ऋण से उऋण होने के लिए भी गृहस्थ आश्रम आवश्यक है।
युवा नेत्री प्रशस्ति रस्तोगी ने ओ३म के उच्चारण व महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य नेत्री उर्मिला आर्या ने की उन्होंने सद गृहस्थी बनने का आह्वान किया।
उन्होंने बहुत ही प्रभावी ढंग से सभी आर्य बंधुओं से वेदों के ज्ञान को प्राप्त करने तथा जीवन में उतारने की प्रेरणा दी।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि विश्व हिन्दी दिवस भारत के गौरव को बढ़ाता है,हमें अपने जीवन में हिंदी को आत्मसात करना चाहिए।
कुशल संचालन प्रधान देवेन्द्र गुप्ता ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती मधु सहगल जी के मधुर स्वर में ईश प्रार्थना द्वारा हुआ।
गायिका दीप्ति सपरा,संगीता आर्या,नरेश खन्ना,डॉ सुषमा आर्य,मृदुला चेटानी,सुदेश आर्य,विमलेश बंसल,प्रतिभा सपरा व नरेन्द्र आर्य सुमन आदि ने भी विचार रखे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री महेंद्र भाई,सौरभ गुप्ता, कुसुम आर्या,यज्ञ वीर चौहान, अभिषेक गुप्ता,मीरा आर्या,डॉ रचना चावला,जवाहर भाटिया, ओम सपरा आदि उपस्थित थे।
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