नेताजी सुभाष जयंती पर आर्य समाज ने दी श्रद्धांजलि



धनसिंह-समीक्षा न्यूज     

युवाओं के प्रेरणा स्तम्भ है नेताजी सुभाष-रवि भारद्वाज(संपादक,एक्शन इंडिया)

अंडमान निकोबार में तिरंगा फहराया था-अशोक आर्य(संपादक,सत्यार्थ सौरभ)

आर्य समाज लाहौर ने किया था नेताजी का अभिनंदन-अशोक आर्य(संपादक,आर्यव्रत केसरी)

गाज़ियाबाद केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन जूम पर किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 156 वां वेबिनार था।

एक्शन इंडिया पत्र समूह के संपादक रवि भारद्वाज ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस युवाओं के प्रेरणा स्रोत्र रहे उन्होंने आजादी की लड़ाई को आम जन से जोड़ने का कार्य किया।जिससे उसने विशाल क्रांति का रूप ले लिया।

सत्यार्थ सौरभ(उदयपुर) के संपादक अशोक आर्य ने कहा कि 30 जून 1943 को ही नेताजी सुभाष ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में तिरंगा फहरा दिया था और स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी,विदेश में जाकर हिटलर से मिलना और आजाद हिंद फौज की स्थापना करना विस्मयकारी कार्य था जिसकी कल्पना भी मुश्किल है।

आर्यवर्त केसरी (अमरोहा) के संपादक अशोक आर्य ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष का उल्लेखनीय योगदान रहा केवल चरखे तकली से आजादी नहीं मिली।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पराक्रम दिवस घोषित करना सराहनीय कार्य है,वास्तव में नेताजी सुभाष के बिना आजादी का आंदोलन अधूरा रहेगा। पिछली सरकारों ने वीर क्रांतिकारियों की उपेक्षा की है और एक ही परिवार का गुणगान किया है आज की पीढ़ी को सही इतिहास व उसका मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।वीर अर्जुन के संपादक महाश्य कृष्ण ने आर्य समाज लाहौर में नेताजी का स्वागत किया व 10,000 रु की राशि भी भेंट की थी।नेताजी सुभाष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हीरो थे यह बात नई पीढ़ी को बतलाने की आवश्यकता है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य नेता हेमराज बंसल ने की उन्होंने कहा कि स्वदेशी राज सर्वोत्तम है यह उदघोष महर्षि दयानंद ने दिया था। 

प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज का अधिकतम योगदान रहा।

प्रमुख रूप से नरेंद्र आर्य सुमन, प्रतिभा सपरा,डॉ सुषमा आर्या, अनिता रेलन,विजय हंस,ईश्वर देवी,जनक अरोड़ा,डॉ कल्पना रस्तोगी,सुदेश आर्या,वेदिका आर्या,इंदु बत्रा आदि ने भी अपने विचार रखे और नेताजी सुभाष को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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