"ईश्वर का अस्तित्व व अस्तित्व के लिए ईश्वर" पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज   

सारी सृष्टि का कण कण ईश्वरीय सत्ता का प्रमाण-डॉ. मनोज तंवर(गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय)

सृष्टि का रचयिता ईश्वर ही है-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "ईश्वर का अस्तित्व व अस्तित्व के लिए ईश्वर"  विषय पर गोष्ठी का आयोजन ज़ूम पर ऑनलाइन किया गया।यह परिषद का कोरोना काल में 179 वां वेबिनार था।

युवा वैदिक विद्वान डॉ मनोज तंवर(गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार) ने कहा की किसी मनुष्य या मनुष्य के समूहों में यह शक्ति नहीं कि वह जीवात्मा को उनके कर्मों के अनुसार जन्म दे सके व उनका पालन आदि कर सके जैसा कि ईश्वर करता है।यह भी ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है।इस प्रकार से ईश्वर के अस्तित्व के अनेक प्रमाण दिये जा सकते हैं। विज्ञजनों के लिए एक ही प्रमाण निर्णय करने के लिए पर्याप्त होता है। सारी सृष्टि का कण कण ईश्वरीय सत्ता का स्वयं प्रमाण दे रहे है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सृष्टि का रचयिता ईश्वर ही है,आज कल हम बहुत तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भरी बातें करने लगे हैं।ईश्वर से जुड़े इन सवालों को भी वैज्ञानिक ढंग से खोजने का प्रयत्न करते रहते हैं।वैसे कभी-कभी हैरानी होती है एक ओर तो हम समस्त ब्रह्मांड की रचना का श्रेय ईश्वर को देते हैं और वहीं दूसरी ओर उसके अस्तित्व पर भी संदेह करते हैं।

मुख्य अतिथि समाजसेवी,आर्य समाज वृन्दावन गार्डन, साहिबाबाद के प्रधान कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ईश्वर कैसा है व कौन है,यह जानने के लिए हमें उसे सबसे पहले आत्मविश्वास- सुदृढ़ आत्म- बल के रूप में अपने भीतर ही खोजना होगा तभी ईश्वर के दर्शन कर सकते हैं।

कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य नेत्री कुसुम आर्या,(पूर्व प्रधाना,आर्य समाज, मुरादाबाद) ने कहा कि ईश्वर सद्गुणों का- सत्प्रवृत्तियों का- श्रेष्ठताओं का समुच्चय है जो अपने अन्दर जिस परिमाण में जितना इन सद्गुणों को उतारता चला जाता है,वह उतना ही ईश्वरत्व से अभिपूरित होता चला जाता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने यज्ञनिष्ट,आर्य नेत्री सुमनलता गुप्ता(इंदिरापुरम) के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

गायिका सुदेश आर्या,कृष्णा देवी,प्रेमा हंस (ऑस्ट्रेलिया), रविन्द्र गुप्ता,प्रोमिला जसूजा, कुसुम भण्डारी,ईश्वर देवी आर्या, प्रवीना ठक्कर,आशा आर्या आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आचार्य महेन्द्र भाई, ईश कुमार आर्य,सौरभ गुप्ता,आनन्द सूरी,डॉ अनुराधा आनन्द,डॉ रचना चावला,हरिओम शास्त्री,सुरेश आर्य,नरेश प्रसाद,ललित बजाज आदि उपस्थित थे।

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