कोरोना काल ने जगाई 'इंसानों में इंसानियत'



जितेन्द्र ‘इंसान’  

21वीं सदी के वर्ष 2020 में कोरोना वाइरस उर्फ कोविड-19 अर्थात कोरोना वाइरस दिसम्बर 2019 ने जो कहर ढाया उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इस बीमारी को पूरे विश्व ने महामारी का दर्जा दिया है। इतिहास में पहली बार ही ऐसा हुआ होगा जब किसी महामारी के भय से पुरी दुनिया भयभीत हुई हो और लगभग सभी देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपतियों ने अपने-अपने देश में लॉकडाउन लगवाया हो। कोरोना महामारी में लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था को कई साल पीछे कर दिया। 

एक सर्वे कि माने तो कोरोना वाइरस ने पूरे विश्व में लगभग 12 करोड लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लगभग 26 लाख लोगों को मौत कि नींद सुला दिया। जहाँ एक और पुरी दुनिया महामारी से भयभीत थी वहीं दूसरी ओर सभी देशो के वैज्ञानिक मानव जाति को इस संकट से बचाने के लिए दिन रात एक कर जी—जान से जुटे रहें और उनकी मेहनत का फल उन्हें वर्ष 2021 में मिला। जिसके चलते भारत, अमेरिका सहित कुछ देशों ने इस बीमारी का टीका बना लिया। महामारी के चलते लोगों में मानवता, नौकरी पेशों मे कर्तव्यनिष्ठा, अमीरों मे दान करने की भावना सहित लोगों में दयालुता, सरलता, सहजता, ईमानदारी एवं प्रेम भाव देखने को मिला। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन से कामगारों को घर पर बैठने पर मजबूर होना पड़ा। जिससे उनके सामने भोजन और आवाज सहीत अन्य समस्यायें खडी हो गई। जिसे देखते हुए सरकार ने उन लोगों को भोजन मुहैय्या कराने कि कोशिश तो की ही साथ ही उन्हे राशन के साथ-साथ बैंक खाता धारको को उनके खातों में धनराशि भी जमा कराई। सरकार की इस मुहिम को देखते हुए अपनी हैसियत और सेवा भावना के चलते अनेक व्यक्तियों, संस्थाओं ने पीड़ित लोगों को भोजन सामाग्री सहित राशन किटे भी वितरित की। 

वहीं लॉकडाउन ज्यादा होने कि वजह से कई मकान मालिको ने किरायादारों से किराया नहीं लिया। कोरोना काल में लॉकडाउन का समय लगातार बढ़ते देख प्रवासी कामगारों ने अपने गणतव्य को जाना ही उचित समझकर अपने परिवारजनोें के साथ अपना सामान लेकर कुछ लोग पैदल, कुछ साईकिल पर, कुछ रिक्शों पर, कुछ कार सहित अन्य वाहनों से अपने-अपने गणतव्य की ओर प्रस्थान करने लगे। इस भीड और सरकार द्वारा आदेशित लॉकडाउन का पालन कराते हुए पुलिस विभाग सहित इससे जुडे अन्य विभागों ने अपने कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठा दिखाते हुए पूरी इमानदारी से अपना कार्य किया। इस प्रकार प्रवासियों के सड़को पर आ जाने से जगह-जगह स्थानीय लोगों ने अपनी दयालुता, सरलता, सहजता, ईमानदारी एवं प्रेम भाव दिखाते हुए उन लोगो की खान-पान सहित अन्य आवश्यक जरुरतों को पूरा करने के लिए भरपूर कोशिश की। 

वहीं अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से पीडित लोगों कि देख रेख करने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर डॉक्टरो की टीम दिन-रात उनके सेवा में लगी रही। देखा जाये तो हर भारतवासी ने अपने अपने स्तर पर कोरोना काल से निपटने के लिए स्वयं एवं अन्य लोगों की सहायता की।

अंत में हम सभी देशवासियो के साथ मिलकर सरकार, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, पुलिस टीम, डॉक्टर टीम, सफाई कर्मचारियों, सेवादलों, मीडिया सहित इस महामारी के दौरान छोटी से छोटी एवं बडी से बडी तन मन धन से की जाने वाली सेवा या सयोग के लिए उन्हें दिल की गहराइयों से धन्यवाद देते है। 

जय हिन्द जय भारत

जितेन्द्र ‘इंसान’

ग्राम पोस्ट मुण्डाला, पट्टी दोगी, जिला टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड, भारत

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