आपदाओं का सिलसिला और विकास




 समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। भारत विकासशील देशों में से आगे बढ़कर विकसित देशोें में गिना जाने लगा है। जो कि हर भारत वासियों के लिए गर्व की बात है। जहाँ एक ओर तो हम चाँद और मंगल पर पहुँच चुके हैं वहीं दूसरी ओर हम अपने भारत देश में जगह-जगह अनेक राज्योें में आने वाली आपदाओें का कोई ठोस समाधान नहीं कर पा रहे हैं। इन आपदाओं की चपेट में सबसे ज्यादा उत्तराखण्ड राज्य रहता है। उत्तराखण्ड राज्य के बारे में बात की जाए तो वहां हर वर्ष कोई न कोई प्राकृतिक आपदाओं की अप्रिय घटनाएं घटती रहती हैं। इन घटनाओं का ज्यादा चलन बिजली उत्पादन के लिए किए गये विशालकाय निर्मित टिहरी बांद के निर्माण बाद से या यूं कहे मीडिया के और अधिक मजबूती से प्रचार करने की वजह से हुआ है। चाहे कारण कुछ भी हो घटनायें तो घट ही रही हैं। 

वर्ष 2013 में केदारनाथ घटना में हजारो लोगों कि मौत हो गई और कई लोग लापता हो गए इस प्रकार कि घटनाएं लोगों सहित जीव-जन्तुओं व पेड-पौधों को मौत की नींद सुलाने को तैयार रहती है। वर्ष फरवरी 2021 में इसी प्रकार कि एक घटना चमोली में घटी, जिसमें अनेक लोग काल के गाल में समा गए और कई लापता हो गए। इस घटना में कई सरकारी और प्राइवेट प्रोजेक्ट धरासाई हो गये। इस घटना से वहां की सुरक्षा सम्बंधित जांच रिर्पोट बनाने वाले वैज्ञानिक अचम्भित हैं कि यह कैसे हो गया। बताते चले कि इस घटना मेें उत्तराखण्ड के टिहरी जिला के ग्राम सभा लोयल का एक व्यसक युवक कि भी मृत्यु हो गई। जिसके कारण उसके परिवार मेें उसकी पत्नी, तीन लड़किया व एक लड़का साथ में उसकी बुढी माँ अनाथ हो गये। सरकार से जो मद्द हो रही है वह करेगी। साथ ही अभिनेता सोनू सूद जिन्होने कोरोना काल में भी पीडितों की काफी सहायता की और समय-समय पर जरुरतमंदों की मद्द करते रहते है, उन्होने मृतक के परिवार को गोद लिया है। 

अंत मे हम यही कहना चाहेंगे कि विकास हो किन्तु विनाश के लिए नही। अभिनेता सोनू सूद से सीख लेते हुए जरुरतमंदो की सहायता करें। 

जितेन्द्र ‘इंसान’

ग्राम पो0 मुण्डाला टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड भारत 




   

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