होली जैसा कोई भी त्यौहार नहीं है: आशु ठाकुर



समीक्षा न्यूज  

गाजियाबाद। आओ हम सब मिलकर इस होलिका दहन में जात प्रथा और भेद भाव उच नीच को खत्म करें

यह मात्र ऐसा त्यौहार है कि दुश्मनों से दुश्मनी भूल कर भी उन्हें गले लगाया जाता है सालों पुरानी लड़ाई इस त्यौहार पर भूलकर एक साथ एक ही रंग में रंग जाते है सभी 

होली रंग ,गुलाल ,पानी के साथ साथ अपने भाई बंधुओं मित्रों साथियों के साथ मिल कर फगवा गाकर झूमने का पर्व है,ना कोई ब्रह्मण ना कोई दलित,ना कोई बनिया,ना कोई गुर्जर ना कोई जाट,ना कोई राजपूत,ना कोई खटीक हम सब केवल हिंदू होंगे। 

यह अब केवल मात्र एक दिन के लिए नहीं अपितु सदा सदा के लिए होगा, आप सभी को होली और नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं 

इस होलिका दहन में आइए हम सभी सनातनी प्रण लें की जातिगत भेद भाव भूलकर आपस के मतभेद भूल  केवल सनातनी हिंदू बनें।

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