धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। को आर्य केंद्रीय सभा महानगर गाजियाबाद के तत्वाधान में महर्षि दयानन्द बोधोत्सव का भव्य कार्यक्रम आर्य समाज नया आर्य नगर में धूम धाम से सम्पन्न हुआ जिसमें मुख्य वक्ता आचार्य नरेन्द्र वेदालंकर (दिल्ली) ने बताया कि संसार के संचालन की तीन शक्तियां सत्व,रजो व तमोगुण हैं, तमोंगुण अंधकार,नशे,आलस्य का प्रतीक है ऋषि दयानंद ने इस देश से पाखंड और अंधविश्वास को मिटाने और सत्य का प्रचार प्रसार करने के लिए अपना पूरा जीवन लगाया हम सब को भी आज ऋषि बोधोत्सव के अवसर पर यह संकल्प लें कि हम भी अपने जीवन से भ्रष्टाचार अंधविश्वास और पाखंड को हटाएंगे और सत्य के रास्ते पर चलकर अपने जीवन को प्रशस्त करेंगे।
बिजनौर से पधारे पंडित मोहित शास्त्री ने आधुनिक सजबाज पर भजनोपदेश के माध्यम से ऋषि महिमा का गुणगान किया जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।
मुख्य अतिथि सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के कोषाध्यक्ष माया प्रकाश त्यागी ने ऋषि दयानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है के लिए स्वामी जी ने आर्य समाज की स्थापना की ओर वेदों की लोटो का नारा दिया ताकि विश्व में स्थाई रूप से शांति स्थापित हो सके।शिव संकल्प मंत्रों में कहा हैं की मेरा मन शिव संकल्प से भरा हो यह शिव आराधना ज्ञान ही उनका मिशन बन गया जिसने बड़े से बड़े नास्तिक को आस्तिक बना दिया यहां पं गुरुदत्त विद्यार्थी का वृतांत सुनाया और कहा कि तर्क की कसौटी पर जो बात खरी न हो उसे ना मानों।
संरक्षक श्री श्रद्धानंद शर्मा ने शिवरात्रि को बालक मूल शंकर को जॉनसच्चे शिव का बोध हुआ था,का वृतांत सुनाया।
रसम से आए संदीप त्यागी ने गाजियाबाद का नाम बदलने हेतु उपस्थित श्रोताओं व आर्य प्रतिनिधियों से समर्थन मांगा, सभी ने हाथ खडाकर सहमती दी वा मोबाइल न 9667670055 पर मिस कॉल लगाई।
सभा की अध्यक्षता जिला आर्य सभा के मंत्री सेवा राम त्यागी ने की,उन्होंने कहा आज जीवन निर्माण का दिन है सत्यार्थ प्रकाश का स्वाध्याय करो और चार दिवारी से बाहर निकल कर वेदों का प्रचार करने का आह्वान किया।
समारोह का कुशल संचालन यशस्वी सभा मंत्री आर्य नरेंद्र पांचाल ने किया।
सभी विद्वानों और श्रोताओं का धन्यवाद सभा प्रधान सत्यवीर चौधरी ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से कमल नारायण मिश्र, तेजपाल आर्या,रोहताश सोलंकी, प्रतिभा सिंघल,सुभाष चंद गुप्ता कौशल गुप्ता व महानगर की समस्त आर्य समाजों के प्रतिनिधियों ने बड़ चढ़ कर भाग लिया।
शांतिपाठ और प्रसाद वितरण के साथ समारोह सम्पन्न हुआ।
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