अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान ने नववर्ष पर दी शुभ कामनाएं और किया योग



धनसिंह—समीक्षा न्यूज   

यह मानव मात्र का नववर्ष है---डा.आर के आर्य

गाजियाबाद। नव वर्ष सृष्टि सम्वत् 1,96,08,53,122 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत 2078 को समस्त प्राणी जगत के लिए सुख,शान्ति,समृद्धि,स्वास्थ्य व दीर्घ आयु की कामना के लिए अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान जानकी वाटिका कक्षा, नेहरू नगर में योगाभ्यास के बाद नवर्ष की बधाई दी गई।

सत्र का प्रारम्भ योग शिक्षक श्री नेतराम जी द्वारा ओ३म् की ध्वनि गायत्री मंत्र से किया गया,उन्होंने ताड़ासन,विरेचन क्रिया,भस्रिका, व सूक्ष्म अभ्यास कराया।

सांयोजिक व वरिष्ठ योग शिक्षिका ने सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया व इसके लाभों की चर्चा की,पश्चात साधकों को बैसाखी पर्व की बधाई दी।

मुख्य अतिथि डा आर के आर्य ने कहा कि  चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव वर्ष प्रारंभ होता है।इसी दिन सूर्योदय के साथ सृष्टि का प्रारंभ परमात्मा ने किया था।अर्थात् इस दिन सृष्टि प्रारंभ हुई थी तब से यह गणना चली आ रही है। यह नववर्ष किसी जाति,वर्ग,देश, संप्रदाय का नहीं है,अपितु यह मानव मात्र का नववर्ष है।यह पर्व विशुद्ध रुप से भौगोलिक पर्व है। क्योकि प्राकृतिक दृष्टि से भी वृक्ष वनस्पति फूल पत्तियों में भी नयापन दिखाई देता है।वृक्षों में नई-नई कोपलें आती हैं।वसंत ऋतु का वर्चस्व चारों ओर दिखाई देता है।मनुष्य के शरीर में नया रक्त बनता है।हर जगह परिवर्तन एवं नयापन दिखाई पडता है।रवि की नई फसल घर में आने से कृषक के साथ संपूर्ण समाज प्रसन्नचित होता है।वैश्य व्यापारी वर्ग का भी इकोनॉमिक दृष्टि से मार्च महीना एण्डिंग (समापन) माना जाता है।इससे यह पता चलता है कि जनवरी साल का पहला महीना नहीं है पहला महीना तो चैत्र है जो लगभग मार्च-अप्रैल में पड़ता है। १ जनवरी में नया जैसा कुछ नहीं होता किंतु अभी चैत्र माह में देखिए नई ऋतु,नई फसल,नई पवन,नई खुशबू, नई चेतना,नया रक्त,नई उमंग,नया खाता,नया संवत्सर, नया माह,नया दिन हर जगह नवीनता है।यह नवीनता हमें नई उर्जा प्रदान करती है। 

नव वर्ष को शास्त्रीय भाषा में नवसंवत्सर कहते हैं। 

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य जी ने "हँसते मुस्कुराते हुये, जिंदगी गुजारिये" रचना व बम्बईया हँसी से माहौल खुशनुमा बना दिया।श्री आर्य ने नववर्ष की सभी को बधाई देते हुये अपने उद्बोधन में कहा कि आज का दिन एक दूसरे को शभकामनाएँ देने का दिन है क्योंकि ब्रह्मांड में हम जो कुछ भी देते हैं वह लौटकर आता है,आज की युवा पीढ़ी को 2021 ईसवी का तो पता है लेकिन 2078 विक्रमी की जानकारी नहीं है अतः हमें अधिकांश संदेश भेजकर इसकी जानकारी युवा पीढ़ी को देनी होगी।भारतीय नववर्ष पर हर ओर हरियाली है,प्रकृति में गहराई तक अन्तर नवीनता नज़र आती है,हमारे शरीर में भी आंतरिक परिवर्तन नज़र आता है इसे हमने धर्म से जोड़ दिया,नया अन्न पेट तभी ग्रहण करेगा जब 9 दिन हम उपवास पेट को स्वच्छ करने हेतु करेंगे इससे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है।



इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे सेवा सदन के महामंत्री चो मंगल सिंह ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप में दो गज की दूरी मास्क है जरूरी साथ ही बताया कि दवाई भी और कड़ाई भी।

मुख्य रूप से सर्वश्री जुगल किशोर गोयल,राम प्रकाश गुप्ता,

वीना गुप्ता,बबिता वर्मा,दर्शना महता,बिमला, ज्योति गोयल,रितु सिंघल,मीनू गोयल आदि उपस्थित रहे।

शांतिपाठ के साथ सभा संपन्न हुई।प्रसाद ग्रहण कर साधक आपस में बधाइयाँ देते हुए घरों को लोटे।

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