"श्रीराम भक्त कौन"आर्य गोष्ठी सम्पन्न

 


धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

श्रीराम के आदर्शों को जीवन में स्थापित करें-डॉ नरेन्द्र आहूजा 'विवेक'


चित्र की नहीं अपितु चरित्र की पूजा करें-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य


गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद द्वारा "श्री राम भक्त कौन" विषय पर आर्य गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन जूम पर किया गया। परिषद का कोरोना काल में यह 198 वां वेबिनार था।

मुख्य वक्ता हरियाणा के राज्य औषधि नियन्त्रक नरेन्द्र आहूजा "विवेक" ने कहा कि जिस विधि रहते राम ता विधि रहिए मानने वाला ही राम भक्त होता है। हमें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन आदर्शों मान्यताओं, यज्ञ रक्षा और योग की जीवन पद्धति को जीवन मे अपनाना चाहिए। जैसे श्री राम राजतिलक और वनगमन के समय समभाव रहे थे वैसे ही हमें भी जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में स्थितप्रज्ञ होकर समभाव रहना चाहिए। जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम राम प्राण जाएं पर वचन ना जाए पर चलते हुए कभी अपना वचन नहीं तोड़ते थे वैसे ही हमें भी कभी अपना वचन भंग नहीं करना चाहिए। हमें अपने मन मन्दिर में राम के आदर्शों को स्थापित कर अपने मन मंदिर में राम मंदिर की स्थापना करनी चाहिए। राम मंदिर ही राम राज्य की स्थापना की तरफ एक मील का पत्थर साबित होगा।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हमे श्रीराम के आदर्शों, जीवन मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए। किसी महापुरुष की पूजा उसके चित्र की पूजा न करके उसके जीवन चरित्र की पूजा करके उस पर चलने का संकल्प लेना चाहिए यही उस महापुरुष के प्रति हमारी सही अर्थों में श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व मेट्रो पॉलिटन मैजिस्ट्रेट ओम सपरा ने कहा कि किसी व्यक्ति के प्रति श्रद्धाभाव उसके गुणों को अपनाना ही है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि जैसे गुड़ गुड़ कहने से मुँह मीठा नहीं होता वैसे ही जीवन परिवर्तन के लिए भी पुरुषार्थ करना पड़ता है।

आर्य नेत्री सावित्री देवी धर्मपत्नी सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक स्व. पं. इंद्रसैन विश्वप्रेमी कविनगर निवासी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया।

आचार्य महेन्द्र भाई, सुमित्रा कुकरेजा, वीना आर्या, रविन्द्र गुप्ता, सुषमा बुद्धिराजा, प्रतिभा सपरा, सविता आर्या, सुदेश आर्या, हरिओम शास्त्री, कुसुम भंडारी, बिन्दु मदान ने भी अपने विचार रखे।



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