वैसाखी,नव संवत्सर व आर्य समाज स्थापना दिवस की हर और धूम





धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

आर्य समाज ने वैचारिक चिंतन को जन्म दिया -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

नव संवत्सर भारतीय संस्कृति के गौरव का दिन-आचार्य महेन्द्र भाई

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में बैसाखी,नव संवत्सर व 147 वें आर्य समाज स्थापना दिवस पर ऑनलाइन जूम पर गोष्ठी का आयोजन किया गया,इसके साथ ही हजारों लोगों ने अपने अपने घरों से जुड़ कर यज्ञ किया और राष्ट्र की सुख शांति की कामना की।यह परिषद का कोरोना काल में 203 वां वेबिनार था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि नव संवत्सर 10 अप्रैल 1875 को मुम्बई में महर्षि दयानंद जी सरस्वती ने प्रथम आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज ने एक वैचारिक क्रांति को जन्म दिया व लोगो के सोचने की दिशा ही बदल डाली। आर्य समाज एक राष्ट्र वादी आंदोलन बन गया और देश की आजादी में हजारों आर्य समाजी कूद पड़े।प्रमुख रूप से हैदराबाद का निजाम भारत में विलय स्वीकार नहीं कर रहा था तो आर्य समाज के आंदोलन के कारण घुटने टेकने पड़े।आर्य समाज ने पाखण्ड अंधविश्वास पर भी सीधा प्रहार किया,आज आवश्यकता इस बात की है कि आज फिर आर्य समाज अपने ओज को वापिस लाकर समाज व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।

आचार्य महेंद्र भाई ने कहा कि भारतीय नव संवत्सर हमारे लिए गौरव का दिन है,हमें यज्ञ करके और शुभकामनाएं देकर यह दिन मनाना चाहिए।यह महाराजा वीर विक्रमादित्य की विजय का प्रतीक है,आज 2078 वां नव संवत्सर विश्व मना रहा है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वैसाखी पर्व जलियांवाला बाग अमृतसर से जुड़ा है,जनरल डायर ने निहथे लोगों पर गोलियां चलवाकर भून दिया था।हम उन महान बलिदानी भारतीयों को नमन करते है।

गायिका संगीत आर्या गीत,नरेंद्र आर्य सुमन,निताशा कुमार, दीप्ति सपरा,सुदेश आर्या,पुष्पा चुघ, नरेश खन्ना,जनक अरोड़ा, सुषमा बजाज,ईश्वर देवी,आशा आर्या, किरण सहगल,कुसुम भण्डारी, रवीन्द्र गुप्ता,कीर्ति खुराना,उर्मिला आर्य आदि ने मधुर गीत सुनाए।

प्रमुख रूप से सी ए हंसराज चुघ, आनन्द प्रकाश आर्य,राजेश मेंहदीरत्ता,सौरभ गुप्ता,डॉ गजराज सिंह आर्य,प्रेम सचदेवा, अमरनाथ बत्रा,देवेन्द्र भगत, कमलेश हसीजा,रामचंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।


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