वैदिक विद्वान स्वामी दीक्षानन्द जी का 18 वां स्मृति दिवस सम्पन्न





धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में वेदों के प्रकांड विद्वान स्वामी दीक्षानंद जी सरस्वती का 18 वाँ स्मृति दिवसु ऑनलाइन जूम पर मनाया गया। यह कोरोना काल मे परिषद का 219 वां वेबिनार था।

मुख्य अतिथि एमिटी शिक्षण संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार चौहान ने कहा कि स्वामी दीक्षानंद जी धीर, गम्भीर,सौम्य व वैदिक सिद्धान्तों के मनीषी थे,उनके 18 वें स्मृति दिवस पर उन्हें याद करने का अर्थ है कि हम उनके बताये रास्ते का अनुसरण करें।आज वेदों के रास्ते पर चलकर ही विश्व में शान्ति स्थापित हो सकती है।स्वामी जी यज्ञ व वेदों के महान प्रसारक थे।उन्होंने कोरोना काल मे पीड़ितों के स्वास्थ्य लाभ की प्रभु से प्रार्थना की।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी जी की वाणी व सरलता सबको अपना बना लेती थी। उन्होंने आर्य जगत में बड़े बड़े बहुकुण्डीय यज्ञों की शुरुआत स्वामी दीक्षानंद जी ने ही कि थी। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज व राष्ट्र का लंबे समय तक मार्ग प्रशस्त करता रहेगा,आर्य युवाओं को उनसे विशेष प्रेरणा लेनी चाहिए। 

वैदिक विद्वान डा.जयेंद्र आचार्य (आर्ष गुरुकुल नोएडा) ने कहा कि स्वामी दीक्षानंद जी ने अपना पूरा जीवन यज्ञ, महर्षि दयानंद व वेदों के प्रचार के लिए समर्पित कर दिया। उनका विराट सौम्य व्यक्तित्व पहली बार में ही सबको अपना बना लेता था। उनकी वाणी में ओज बरसता था।

समर्पण शोध संस्थान राजेन्द्र नगर साहिबाबाद के मंत्री आर पी भटनागर (समारोह अध्यक्ष) ने कहा कि स्वामी जी का सान्निध्य हमें काफी समय तक मिलता रहा है,उनके निराले व्यक्तित्व से सभी प्रभावित हो जाते थे। हम उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाये रखेंगे ।

विशिष्ठ अतिथि आर्य नेता आनन्द चौहान, ओम सपरा, राकेश भटनागर, प्रेम सचदेवा ने कहा की स्वामी दीक्षानन्द वेदों के अद्वितीय विद्वान थे, उनके समझाने की शैली सरल थी जोकि सबको हृदयंगम हो जाती थी।

मधुर भजन संगीता आर्या गीत, पुष्पा चुघ,सुकृति माथुर,प्रवीना ठक्कर,कुसुम भंडारी,रवीन्द्र गुप्ता आदि ने प्रस्तुत किये।परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

सर्वश्री डॉ नरेंद्र टुटेजा,डॉ आर के आर्य,उर्मिला आर्या,आनन्द प्रकाश आर्य,रमेश भटनागर, धर्मपाल आर्य,देवेन्द्र भगत,सौरभ गुप्ता,वीरेन्द्र आहूजा, प्रकाशवीर शास्त्री आदि उपस्थित थे।




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