चौधरी चरण सिंह का जीवन, त्याग, तपस्या, ईमानदारी, सादगी, नैतिक, गुणों से ओत प्रोत रहा है:राम दुलार यादव

 


धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। सार्वजानिक जीवन में सादगी ईमानदारी नैतिकता की मिसाल, स्वतन्त्रता सेनानी, किसान, मजदूरों, पिछडो, दलितों शोषितो के मसीहा, भारत के पूर्ब प्रधान मंत्री श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि " किसान, सम्मान दिवस के रूप में आयोजित की गयी, ज्ञान पीठ केंद्र। स्वरुप पार्क जी0 टी० साहिबाबाद के प्रांगढ़ में चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण करते हुए, उनके ब्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। आयोजन इंजीनियर धीरेन्द्र यादव ने किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज वादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम दुलार यादव ने किया। संचालन सुरेश भारद्वाज ने किया। वैश्विक महामारी करोना का ध्यान करते हुए सामाजिक दूरी, का पालन किया गया। मुख्य वक्ता वीरेंद्र यादव एडवोकेट जिला महासचिव गाज़ियाबाद समाजवादी पार्टी रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव गाज़ियाबाद वीरेंद्र यादव एडवोकेट ने कहा कि " चौधरी चरण सिंह का जीवन, त्याग, तपस्या, ईमानदारी, सादगी, नैतिक, गुणों से ओत प्रोत रहा है, वह प्रेरणा पुरुष है स्वतंत्रता आंदोलन में जेल में आपार यातना झेली, आजादी के बाद सार्वजनिक जीवन में शिष्ट आचरण की मिशाल कायम कर किसान , मजदूर गाँव ,गरीब के घर में प्रकाश फ़ैलाने का काम किया। उत्तर प्रदेश में जमींदारी उन्मूलन कर छोटे किसानो, दलितों पिछडो को एक झटके में भूमि का स्वामी बना दिया। इस क्रांतकारी परिवर्तन के लिए उन्हें बड़े किसानो का भारी बिरोध झेलना पड़ा लेकिन उन्होने कभी इसकी परवाह नहीं किया। पिछडो कमजोर वर्गों को राजनीतिक पहचान दिलवा हर वर्ग के ग्रामीण पृष्ट भूमि के नौजवानो को राजनीति के माध्यम से जन - जन की सेवा, के लिए तैयार किया। सार्वजानिक जीवन में जरूरत मंद की हर संभव मदद करना उनका राजनीतिक उद्देश्य था, वे कुशल प्रशासक थे। गाँव के लोगो का जीवन स्तर कैसे उच्च हो पूरा जीवन प्रयास किया, " उनका मानना था कि, गाँव के लोग संपन्न होंगे, तभी कस्बे और शहर संपन्न होंगे, आज 21 वी शदी में किसान मजदूर तबाह है वह महंगाई कि मार झेलता हुआ भयंकर संकट में है। उसकी फसल का उसे वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है जबकि डीजल, कृषि में प्रयोग कि जाने वाला कीट, नाशक, दवाई और उपकरण रासायनिक खाद के दामों में बेतहाशा बृद्धि हो गयी है, किसानो कि आय दुगनी करने कि घोषण। मात्र एक छलावा बन कर रह गई है। 6 महीनो से किसान विवादित 3 कृषि कानूनों को वापस लेने कि मांग कड़कड़ाती सर्दी , भयंकर धूप झेलकर तथा असमय वर्षात का सामना कर रहा है, इस किसान आंदोलन में सैकड़ो किसान शहीद हो गए है लेकिन यह संवेदन शून्य सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है यह तो व्रिटिश शासन से भी क्रूरता से उनसे व्यवहार कर रही उन्हें आतंकी, नक्सली, अर्बन नक्सल परजीवी कह कर अपमानित और प्रताड़ित कर रही है। 

आज स्व. चौधरी चरण सिंह कि बहुत याद आ रही यदि वह होते तो इस सरकार को किसानो कि ताकत का अहसास अवश्य करा देते। हम उन्हें नमन - करते, वंदन करते है पुष्प अर्पित का उन्हें स्मरण करते है। कार्यक्रम में राम दुलार यादव, वीरेंद्र यादव, एडवोकेट, राजीव गर्ग

अवधेश यादव, अंकित यादव, सुरेंद्र यादव, केदार सिंह, गुड्डू यादव, अखिलेश शुक्ला, हरी कृष्णा, अमर बहादुर, उदय प्रताप, बंधु सुरेश भरद्वाज ने श्रद्धांजलि दी कार्यक्रम के अंत में फल और मास्क वितरित किया गया।




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