पार्षद प्रदीप चौहान ने सीएम योगी को लिखा पत्र



धनसिंह—समीक्षा न्यूज 

गाजियाबाद। अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष व स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री व निगम पार्षद प्रदीप चौहान ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में पुलिस द्वारा सफाई कर्मचारियों पर की गई बरबरता पर सवाल खड़े किए हैं। प्रदीप चौहान ने पत्र के माध्यम से कहा है कि सरकार के सार्थक प्रयासों को समाप्तिकी तरफ ले जाया जा रहा है। जिस में मुख्य भूमिका निभाने वाले लोग फ्रंटलाइन वकर्र है। जिनमें पुलिस ,डॉक्टर,सफाई कर्मचारी और अन्य लोग शामिल हैं। अवगत कोराना है कि सबसे ज्यादा फ्रंटलाइन पर दो ही लोग काम करते हैं। डॉक्टर या सफाई कर्मचारी ,डॉक्टर मरीज को ठीक करने में अपनी पूरी जान लगा देता है और फिर उसी मरीज मल मूत्र साफ करने की जिम्मेदारी सफाई कर्मचारी के ऊपर निर्भर करती है। आप अवगत होंगे उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मचारियों की वेतन किस तरह से कई कई तरह सेदी जाती है। काम वो सिर्फ  सफाई का करता है परंतु वेतन उसको कहीं तरह का दिया जाता है । आपको विदित होगा आज तक भी स्थानीय निकाय विभाग सफाई कर्मचारी नियमावली नहीं बना पाया।

जिस कारण सफाई कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहा है। अगर हम नगर निगमों की बात छोड़ दें तो उत्तर प्रदेश में नगर पालिकाओं में सफाई कर्मचारी की स्थिति बद से बदतर है। वह अपनी मांग भी नहीं उठा सकता अपनी पीड़ा भी नहीं कह सकता क्योंकि उसको एक बराबर यह खतरा बना रहता है कि उसको कोई नौकरी से निकाल दे। मान्यवर महोदय हमने पूरे देश में बहुत बड़े बड़े मुद्दों को सुलझा ने में काफी मेहनत की है यदि हम पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंतोदय को समझें तो आज भी अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति आपकी तरफ न्याय की उम्मीद लगाकर खड़ा है। परंतु

लखनऊ की घटना ने पूरे समाज में आक्रोश की लहर छोड़ दी है। पुलिस चाहती तुम मुद्दे को सुलझाया जा सक ता था परंतु पुलिस की लाठी कार्यवाही एक पीड़ा सी देकर चली गई है साथ ही यदि वीडियो देखी जाए तो पुलिस के सिपाहियों ने सब इंस्पेक्टर तक नहीं महिला क र्मचारियों को लाठियों से मारा है। मरने वाला सफाई कर्मचारियों की बिरादर का नहीं था परंतु वह भी इंसान था। जिसके लिए इस समाज के लोग संघर्ष कर रहे थे। यदि समय रहते पुलिस ने मामले को सुलझा लिया होता तो ठीक रहता परंतु पुलिस ने बिना कोर्ट बिना कचहरी के ही लाठी भांज कर अपना निर्णय दे दिया। यह सीधा सीधा सरकार को बदनाम करने की साजिश है। मेरा निवेदन है कि मृतक रामू यादव के परिवार को कंपनसेशन तथा नौकरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाए और दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का कष्ट करें।


Post a Comment

0 Comments