कारगिल विजय दिवस पर एक ओज रचना


समीक्षा न्यूज नेटवर्क


विषय: भारतीय सेना


सेना का कर्तव्य, शत्रु को धूल चटाना।

जीत बने मंतव्य, देश की शान बढ़ाना।।1


नव उपाय नित खोज, अगर हो धूल चटाना।

हो तैयारी रोज, चाहते शत्रु हराना।।2


सजग रहें दिन रात, पलक तक मत झपकाना।

सैनिक की यह बात, समझता नहीं जमाना।।3


जीते हर संग्राम, राष्ट्र पर आँच न आना।

बैरी का हर दाँव, हमेशा विफ़ल कराना।।4


फौजी का यह ध्येय, जीत का ध्वज फहराना।

पूरा करने हेतु, शीश खुद का कटवाना।।5


सर्वोपरि है राष्ट्र, मात्र यह शपथ उठाना।

दे कर निज बलिदान, कसम पूरी कर जाना।6


गर्म सर्द हो रात, न आता है घबराना।

सीखी बस यह बात,विपद सम्मुख डट जाना।7


आये कभी विपत्ति, सदा ढाढ़स बँधवाना।

बन फौलादी ढाल, मुसीबत से टकराना।।8


भले युद्ध या शांति, सदा बढ़ आगे आना।

मानवता का साथ, हमेशा देते जाना।।9


झंडे का सम्मान, करें सबसे करवाना।

जनगण मन का गान, हृदय से मिलकर गाना।10




कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, ट्विटर @tripathi_ps

Post a Comment

0 Comments