"माँ के दूध का महत्व" पर गोष्ठी व राजगुरु को याद किया



धनसिंह—समीक्षा न्यूज    

माँ का दूध जीवन दायिनी अमृत है -प्रो.करुणा चांदना

शहीद राजगुरु का बलिदान अविस्मरणीय रहेगा -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "माँ के दूध का महत्व" पर गोष्ठी व अमर शहीद राजगुरु की 113 वीं जयन्ती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । यह कोरोना काल में 269 वां वेबिनार था ।

प्रो. करुणा चांदना ने कहा कि माँ का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है, यह अमृत शिशु का नवजीवन प्रदान करता है । उन्होंने कहा कि माँ के दूध में कोलेस्ट्रम का उत्पादन होता है जिसमे विभिन्न एंटी बॉडी मिनरल और सभी पौष्टिक तत्व होते है । इससे पानी की भरपूर मात्रा होती है । यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है ।  नवजात शिशु की पाचन क्षमता कमजोर होती है जिसे दूध बेहतर बनाता है । यदि बच्चा बीमार भी हो जाये तो माँ के दूध से शीघ्र स्वस्थ हो जाता है । दुग्धपान करवाने वाली महिलाएं भी स्वस्थ रहती हैं । वास्तव में माँ का दूध शिशु के लिए ईश्वरीय वरदान है ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि शहीद राजगुरु ने राष्ट्र की बलवेदी पर अपना बलिदान दिया और शहीद भगत सिंह व सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फांसी के फंदे पर झूल गए । उनका जन्म 24 अगस्त 1908 को हुआ था । आज आवश्यकता है कि नयी पीढ़ी को इनके बलिदान के बारे में पढ़ाया जाए ।

आर्य नेत्री अनिता ग्रोवर व डॉ. संतोष कपूर ने मा के महत्व, तपस्या, समर्पण, बलिदान की चर्चा करते हुए नारी शक्ति को पूरा सम्मान देने का आह्वान किया । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि आज नारी सम्मान प्रदान करने की अत्यंत आवश्यकता है ।

गायिका प्रवीन आर्या, दीप्ति सपरा, प्रवीना ठक्कर,रवीन्द्र गुप्ता,सुशांता अरोड़ा (अम्बाला), विजय लक्ष्मी आर्या,रजनी चुघ, सुषमा गुगलानी, बिंदु मदान, डॉ. रचना चावला,ईश्वर देवी, कृष्णा गांधी,चंद्र कांता आर्या आदि ने मधुर गीत सुनाये ।

प्रमुख रूप से महेन्द्र भाई, धर्म पाल आर्य,राजेश मेहंदीरत्ता, प्रेम सचदेवा, आस्था आर्या,सुषमा बजाज,वीना आर्या आदि उपस्थित थे ।

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