राम दुलार यादव ने राजा राम मोहन राय व शहीदे आजम भगत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किये





धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

गाजियाबाद। ज्ञानपीठ केंद्र स्वरूप पार्क जी0 टी0  रोड साहिबाबाद के प्रांगण में जिला महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट के नेतृत्व में महान समाज सुधारक, विलक्षण व्यक्तित्व राजा राममोहन राय की पुण्यतिथि, एवं शहीदे आजम भगत सिंह के जन्म-दिवस कार्यक्रम का आयोजन महिला सभा साहिबाबाद विधानसभा अध्यक्ष अनीता सिंह ने, अध्यक्षता, पूर्व सदस्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश राज देवी चौधरी ने संचालन, संजू शर्मा महिला सभा उपाध्यक्ष जनपद गाजियाबाद ने किया। कार्यक्रम को सी0 एल0 आनंद, पतिराम पंकज ने भी संबोधित किया।

इस अवसर मुख्य वक्ता समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम दुलार यादव ने राजा राम मोहन राय व शहीदे  आजम भगत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर, इन महान विभूतियों को स्मरण करते हुए कहा कि राजा राममोहन राय महान समाज सुधारक सती प्रथा, बाल विवाह, जातिवाद को समूल नाश करने में अपना सारा जीवन लगा दिया। वह धार्मिक पाखंड और मूर्ति पूजा के घोर विरोधी एकेश्वरवाद के प्रबल पक्षधर रहे। इन्होंने ब्रह्म-समाज की स्थापना कर जन जागरण किया तथा सती प्रथा को समाप्त करने के लिए कानून बनवाया। हमें उनके द्वारा बताए मार्ग पर चलकर देश, समाज में व्याप्त जातिवाद, धार्मिक पाखंड, रूढ़िवाद को खत्म करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। आज 21वीं सदी भी हम इन सामाजिक बुराइयों को दूर नहीं कर पाए।

रामदुलार यादव ने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह विलक्षण प्रतिभा के धनी, अनवरत अध्ययनरत, महान क्रांतिकारी रहे, उनका मानना था कि “क्रान्ति विचार की शान पर तेजधार होती है, वैचारिक क्रांति के पक्षधर व  खून बहाने के विरोधी रहे, नौजवानों में क्रान्ति की ज्वाला भड़के 23 वर्ष की अवस्था में ही फांसी के फंदे को हंसते-हंसते चूम लिया, उनका मानना था कि जब भारत आजाद होगा यहाँ अवसर की असमानता समाप्त होगी, शोषण विहीन, जाति, धर्म, पाखंड विहीन समाज बनेगा, लोगों में सद्भाव, भाई-चारा, प्रेम और सहयोग बढ़ेगा, लेकिन आज आजादी के 74 साल बाद भी हम नाम तो भगत सिंह का लेते हैं, लेकिन उनके विचार पर एक कदम नहीं चलना चाहते, आज लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है, असमानता बढ़ती जा रही है, सौ करोड़ पर ना रोटी है,  न मकान, न वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरहित अवस्था में पहुंच गई है, भाई-चारा, प्रेम कमजोर पड़ गया है, नफरत का  वातावरण है, शहीदे आजम भगत सिंह का असली स्मरण उनके विचार पर यदि एक कदम चलकर हो सकता है।

कार्यक्रम में शामिल रहे:- राज देवी चौधरी, किरण कालिया, अनीता सिंह, संजू शर्मा, बिंदु राय, छेदीलाल, पी0 आर0 बंसल, रेनू पुरी, राधा देवी, सरिता देवी, कमला देवी, कल्पना यादव, शबाना, मनीष राम यादव, केदार सिंह , हरि शंकर यादव, अंकित राय, प्रेम चंद पटेल, अंजू, अमरीकन सैफी,  आरती, धर्म वती, सुरेश भारद्वाज, गायत्री देवी, विमला देवी, पूनम, मंजू, नेहा आदि शामिल रहे।

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