दिन पहला अर्पित करें, शैल सुता के नाम।
मिल जाये उनकी कृपा, बन जायें सब काम।।1
ब्रह्मचारिणी मातु अब, रखिये सिर पर हाथ।
तप के बल था पा लिया, महादेव का साथ।।2
मातु चंद्रघंटा करें, सुखमय सर्व समाज।
माता सब विपदा धरें, सकल विश्व की आज।।3
कूष्मांडा माँ का सदा, भक्त करें गुणगान।
दिनकर के सम कांति हँस, करती हैं कल्याण।।4
पूजें करद्वय जोड़ के, स्कंद मातु को लोग।
नौ दिन तक जप तप करें, नित्य लगायें भोग।।5
छठवाँ दिन कात्यायनी, बृजमण्डल की शान।
अधिष्टात्रि सम्मुख नमन, भक्त करें गुणगान।।6
कालरात्रि ममता भरीं, सबके लें दिल जीत।
ज्वालामय हर स्वाँस है, करें असुर भयभीत।।7
माता गौरी की कृपा, पा जाते यदि भक्त।
आत्मशक्ति बढ़ती सदा, होते सभी सशक्त।।8
मातु सिद्धिदात्री सदा, रखतीं सबका ध्यान।
आराधन जो भी करे, बढ़ता उसका मान।।9
नौ दिन के नवरात्र में, जो भी करते भक्ति।
माता के नौ रूप तब, भरते उनमें शक्ति।।10
कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, 14 अक्टूबर 2021
प्रस्तुति—समीक्षा न्यूज
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