"योग से तनाव मुक्त जीवन" पर गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

जीवन की परिस्थितियों से संतुलन बनाना ही योग है -योगाचार्य रजनी चुघ

योग सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "योग से तनाव मुक्ति" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

यह कोरोना काल में 295 वां वेबिनार था ।

योगाचार्य रजनी चुघ ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी संतुलन बनाना ही योग है।योग केवल आसन प्राणायाम तक ही सीमित नहीं है अपितु हमें अपनी जीवन शैली में भी सुधार करना होगा। ईश्वर से साक्षात्कार करवाने का मार्ग योग है और चित की वृत्तियों को रोकना भी योग है।भौतिक विकास के साथ साथ आध्यात्मिक विकास भी जीवन निर्माण के लिए आवश्यक है तभी हम तनाव मुक्त हो सकते हैं।डर, भय,चिन्ता व नकारात्मक विचार योग से समाप्त होते है।दैनिक योग व ध्यान करने से तनाव मुक्त जीवन जी सकते है और बढ़ती आयु में होने वाले रोगों से भी बचाव कर सकते हैं।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है और निराशा दूर करता है।दिनचर्या ठीक करके आत्म विश्वास में वृद्धि व कई बीमारियों से बच सकते हैं। 

अध्यक्ष विजय चोपड़ा ने भी योग और प्राणायाम के महत्व पर प्रकाश डाला और योग से प्रसन्नचित जीवन बनाने का आह्वान किया।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि योग ही जीवन का आधार है।

नियमित योगाभ्यास वा संतुलित आहार से हमारा बीपी,शुगर भी नॉर्मल रहते हैं,मुस्कुराहट वा हंसने से हम तनावमुक्त रहते हैं।

एक सामान्य व्यक्ति को अपने वजन के हिसाब से पानी पीना चाहिए जैसे बीस किग्रा के बालक को प्रतिदिन एक लीटर पानी सिप सिप करके पीना चाहिए,इसी प्रकार 100 किग्रा वाले को पांच लीटर पानी पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है,ना इससे कम ना ज्यादा।लेकिन आज व्यक्ति पानी कम पीता है जिसके कारण अनेक रोग उत्पन्न होते हैं।

गायिका संगीता आर्या गीत, प्रवीना ठक्कर,बिंदु मदान, अनुश्री खरबंदा,सुदेश आर्या,रचना वर्मा, विजय लक्ष्मी आर्या,जनक अरोड़ा,ईश्वर देवी,कुसुम भंड़ारी, निर्मल विरमानी आदि के मधुर भजन हुए।

प्रमुख रूप से आंनदप्रकाश आर्य,महेन्द्र भाई, वीना आर्या, राजेश चुघ,अमीरचंद रखेजा, कमलेश चांदना,प्रतिभा कटारिया, आस्था आर्या आदि उपस्थित थे।


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