"नवरात्रि में नवधा भक्ति नवनिधि का महत्व" विषय पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज   

नवदिवसीय भक्ति से नवोद्धार -आचार्य चंद्रशेखर

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान मे नवरात्रि में नवधा भक्ति नवनिधि का महत्व" विषय पर आर्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 294वां वेबिनार था ।

नवरात्रि में नवधा भक्ति और नवनिधि का महत्त्व इस संप्रेरक विषय पर अपनी ओजस्वी वाणी में बोलते हुए आचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने इस सेमिनार में कहा-

1- "नवरात्रि का विशेष भाव

मानवजीवन में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्त्व है।यह नवरात्रि- नव भावों,नव विचारों,नव संस्कारों,नव भक्ति,नव शक्ति,नव साधना,नव द्वार,नव चक्र,नव निधि,नव देवीनाम,नव देवी महिमा,नव क्रांति,नव चेतना का नव दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव है।

2- "नवदिवसीय भक्ति से नवोद्धार"

नवदिवसीय संकल्प साधना, मंत्रजाप,एकाग्र भक्ति,शुद्ध भाव, शुद्ध आहार आदि व्रत करने से नव उल्लास,नव उमंग,नव विश्वास,नव श्रद्धा का दैवीय संस्कार समुत्पन्न होता है।नव दिवसीय साधना से जीवन में नया प्रेम रंग,नया भक्तिभाव और नया दिव्यता का संस्कार उत्सृजित हो जाता है।

3- " गायत्री मंत्र में नवधा भक्ति एवं नवधा शक्ति "

आचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने गायत्रीमंत्र की अनुपम व्याख्या करते हुए कहा कि इस मंत्र में नव प्रकार से भक्ति एवं शक्ति का भाव है।

" प्रथम-ओ३म् की भक्ति"

साधक ओं की उपासना,जप, भजन आदि से दिव्यता का चिंतन करे। " द्वितीय भूः की भक्ति"

" तृतीय भुवः की भक्ति"

" चतुर्थ-स्वः की भक्ति"

" पंचम-सवितुः की शक्ति"

" षष्ष्ठ-वरेण्यं की वरणीयता"

" सप्तम-भर्गः का तेज"

"अष्टम-देवस्य की दिव्यता का धारण" " नवम-धियः की प्रेरणा" इस तरह से आचार्य जी के मुखारविंद से नवीन भावों की प्रेरणा के साथ प्रवचन सुनकर श्रोतागण भाव-विभोर हो रहे थे।

मुख्य अतिथि आचार्य संजय सत्यार्थी ने आयोजकों का सुंदर आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे ज्ञान से ओतप्रोत कार्यक्रम होते रहने चाहिए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कार्यक्रम का कुशल संचालन वा संयोजन किया।

प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि विद्या से विनम्रता आती है, विनम्रता से पात्रता-योग्यता प्राप्त होती है,योज्ञता से धन मिलता है।धन से धर्म-कार्यों का अनुष्ठान होता है और सुख की प्राप्ति होती है!यदि आप भी सुख, शान्ति और आनन्द चाहते हैं,तो विनम्र बनें।

गायिका रजनी चुघ,मृदुला अग्रवाल,कमलेश चांदना,प्रेम सचदेवा,चंद्रकांता आर्या बैंगलोर, ईश्वर देवी,दीप्ति सपरा, राज कुमार भण्डारी,सुदेश आर्या, प्रवीना ठक्कर, प्रवीन आर्या आदि ने मधुर गीत सुनाये ।

प्रमुख रूप से मिथलेश गर्ग, आस्था आर्या,कुसुम भंडारी, करुणा चांदना, रचना वर्मा, सुशांता अरोड़ा, कृष्णा गांधी आदि उपस्थित थे ।

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