उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर से वापस लिए कृषि कानून : सुनील चौधरी



दीपेन्द्र सिंह—समीक्षा न्यूज  

नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सपा के वरिष्ठ नेता व निवर्तमान विधानसभा प्रत्याशी सुनील चौधरी ने कहा कि काले कानूनों की वापसी अहंकार की हार है। यह किसानों की जीत है। लोकतंत्र की जीत है जनता सरकार को कभी माफ नहीं करेगी, इन्हें साफ करने का काम करेगी जनता आने वाले समय में। उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर से भाजपा सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए है। 

मगर सैकड़ों किसानों की सच्ची मौत के सामने किसी की झूठ की माफी नहीं चलेगी। जिन्होंने माफी मांगी है वह राजनीति छोड़ने का भी वचन दें। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को रैलियों में जो समर्थन मिल रहा है और जिस तरह लोग सड़कों पर नजर आए। सिर्फ दिल्ली के बार्डर पर ही नहीं हर जगह किसान, नेता और नौजवान सड़कों पर निकले तो भाजपा सरकार हिल गई। सरकार यह सोच रही है कि दिखावटी माफी मांग कर फिर से या दोबारा सत्ता में आएंगे, ये जनता इनको समझती है। इससे पूर्व भी चुनाव से नोटबंदी करके भी पहले ऐसा ही फैसला लिया गया था। जिसका परिणाम आज तक जनता भुगत रही है, देश की अर्थव्यवस्था भुगत रही है। उससे क्या अर्थव्यवस्था सुधर गई। वह फैसला भी गलत है। उसे कोई पूछ ही नहीं रहा है। उसे आगामी चुनाव में हार का डर सता रहा है। भाजपा का यह ऐलान चुनावी दांव है। भाजपा की प्राथमिकता अन्नदाता का सम्मान नहीं है यह सब उन्होंने वोट के लिए किया है। वोटबैंक की राजनीति है। जो समर्थन सपा के साथ दिखाई दे रहा है, उसी का नतीजा है कि भाजपा डरी हुई है। लेकिन देश के अन्नदाताओं ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया है। किसान मोर्चा के सत्याग्रह को ऐतिहासिक सफलता मिली है।

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