वीरेन्द्र यादव या अमरपाल शर्मा कौन किसकी राह का रोड़ा?

 किसी झोली में गिरेगा सपा विधानसभा प्रत्याशी टिकट?



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद की पांच विधानसभा सीटों में से एक साहिबाबाद विधानसभा सीट है जिसको लेकर आजकल चर्चा—ए—आम है। साहिबाबाद क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें गांव, देहात, शहरी, स्थानीय, बाहरी, अमीर—गरीब सभी लोगो की वोट है। जिसके लिए जरूरी है कि एक जिम्मेदार, मिलनसार, सभी के सुख—दु:ख में काम आने वाला, जो गरीब अमीर और जात—पात को न मानने वाला हो, ऐसा ही व्यक्ति साहिबाबाद से अपनी सीट निकाल सकता है। पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की लहर के चलते गाजियाबाद की सभी पांचों सीट बीजेपी की झोली में गिर गयी थी। जबकि इस बार ऐसा होना मुश्किल है फिर भी सपा हाईकमान इस पर सोच विचार कर ही अपना दावेदार चुनेगी। वहीं अगर देखा जाये तो ये भी हो सकता है कि सपा अपने उम्मीदवारों पर ज्यादा विश्वास ना दिखाते हुए गठबंधन कर दूसरे प्रत्याशी को भी टिकट दे सकत है। क्योंकि पूर्व 2017 विधान सभा चुनावों में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर अमरपाल शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी को टिकट दे दिया था। जानकारी के अनुसार बताते चले कि उत्तर प्रदेश के बनने के बाद आज तक समाजवादी पार्टी का कोई भी प्रत्याशी साहिबाबाद सीट पर कब्जा नहीं कर पाया। अब देखना यह है कि इस बार सपा किसे अपना प्रत्याशी बनायेगी। जबकि इस बार रालोद, प्रगतिशील सपा, आम आदमी पार्टी, एआईएमएआईएम, सुभास पार्टी आदि सभी पार्टियों की साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र पर विशेष नज़र है और सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस तो मुख्य पार्टी हैं ही।

अगर सपा गठबंधन नहीं करती है तो वह टिकट किसे देगी:— वीरेन्द्र यादव, अमरपाल शर्मा, शाहबूद्दीन सैफी, मनमोहन झा गामा आदि प्रत्याशी मैदान में है। 

अगले अंक में हम देंगे आपको प्रत्याशियों की जनता और पार्टी में पकड़ के कुछ अंश

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