ग़ज़ल



----काम बड़ा नही करते।


जो हालात से लड़ा नहीं करते,

वे कोई काम बड़ा नही करते।


वतन परस्ती है जिनकी रगों में, 

मुल्क़ से कभी दगा नही करते।


कुछ मसलों का हल नरमी है,

हर बात पर अड़ा नही करते।


जिनको मंज़िल तक पहुँचना है,

बीच रास्ते में रुका नहीं करते।


दिल के रिश्ते हैं कांच की मानिंद,

इक बार टूटे फिर जुड़ा नहीं करते।


'सुदामा' बेशक हम सियासी हैं,

 झूठे इल्ज़ाम जड़ा नहीं करते।


ग़ज़लकार-सुदामा पाल

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