पुनर्वास विश्वविद्यालय में "दिव्यांगजनों के शैक्षिक पुनर्वासन एवं कौशल विकास" विषयक एक दिवसीय कार्यशाला व ब्रेल प्रेस का उद्घाटन





समीक्षा न्यूज संवाददाता

लखनऊ। डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिनांक 14 जुलाई 2022 को "दिव्यांगजनों के शैक्षिक पुनर्वासन एवं कौशल विकास" के क्षेत्र में कार्यरत शैक्षिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक दिवसीय कार्यशाला एवं "बेल प्रेस" का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्रीमती आनंदीबेन पटेल महामहिम श्री राज्यपाल महोदया /  विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ | इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री नरेंद्र कश्यप माननीय मंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो• राणा कृष्ण पाल सिंह, श्री हेमंत राव अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग एवं कुलसचिव श्री अमित कुमार सिंह मंच पर उपस्थित रहे |  कार्यक्रम का शुभारंभ महामहिम श्री राज्यपाल महोदया द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया | इस अवसर पर सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदया एवं कुलाध्यक्ष, माननीय मंत्री जी एवं अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया| इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल कुलाध्यक्ष / कुलाध्यक्ष महोदय द्वारा अपने उद्बोधन में यह विचार व्यक्त किया गया कि विश्वविद्यालय में एक ऐसी कार्यशाला का आयोजन हो रहा है जो भविष्य में दिव्यांग बच्चों के लिए आशा की किरण साबित होगी |  दिव्यांग बच्चों के रूचि के दृष्टिगत उनके लिए ऐसी योजनाएं क्रियान्वित की जाए जिसे लागू करने के लिए राज्य सरकार को मजबूर होना पड़े | दिव्यांग बच्चों के लिए जिन संस्थानों द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा है उन सब को मिलकर उनके उत्थान के लिए प्रयास करना चाहिए, उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से जोर दिया कि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों से एम.ओ.यू. करा कर एक दूसरे के अनुभवों को साझा किया जाए ताकि दिव्यांग बच्चों को इसका लाभ मिल सके|  प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति,  2020 लागू की गई है जो वर्तमान की आवश्यकता है तथा दिव्यांगजनों के शैक्षिक पुनर्वासन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में कारगर होगा |                ब्रेल प्रेस के उद्घाटन के संबंध में कहा गया कि जिससे दिव्यांगजनों के लिए किताबें तैयार करने में मदद मिलेगी तथा इसे प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों आदि में भेजा जा सकेगा, जिसका लाभ सभी दिव्यांग बच्चों को होगा |  इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि  सभी दिव्यांग बच्चों को किताब की उपलब्धता सुनिश्चित किया जा सके विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाए जाने पर भी जोर दिया गया |  इसके अतिरिक्त "नैक मूल्यांकन"  पर जोर दिया गया | उद्घाटन के पश्चात महामहिम द्वारा प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों से आए कुल 30  दृष्टिबाधित बालिकाओं को वस्त्र फल एवं मिष्ठान वितरित किया गया |                               इस अवसर पर माननीय मंत्री जी द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि यह विश्वविद्यालय न केवल भारत का बल्कि दिव्यांगजनों हेतु पूरे एशिया का ऐसा अनूठा विश्वविद्यालय है जहां दिव्यांगजनों के अनुरूप पाठ्यक्रमों का संचालन सुचारु रुप से किया जा रहा है तथा दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय में एक विशिष्ट "इनडोर स्टेडियम" भी स्थापित है जिसका लाभ  सभी बच्चों को प्राप्त हो रहा है | इस विश्वविद्यालय में शिक्षण / प्रशिक्षण का कार्य वर्ष 2010 में प्रारंभ हुआ है परंतु अभी भी बहुत कुछ करना शेष है, जिसे हम लोग मिलकर आगे बढ़ाएंगे |  विश्वविद्यालय में वर्तमान समय में  6 संकाय में कुल 52 पाठ्यक्रम संचालित है जिसे आगामी सत्र में 20 किये जाने की कार्ययोजना है |  दिव्यांग बच्चों को कृत्रिम उपकरण उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर में ही "कृत्रिम एवं पुनर्वास केंद्र" की स्थापना की गयी है जिससे  जिसमें उच्च कोर्ट के हाथ-पैर, कैलीपर आदि नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है |           कार्यक्रम सत्र का संचालन डॉ. कौशिकी सिंह द्वारा किया गया तथा कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी प्रो. नागेंद्र यादव द्वारा प्रस्तुत किया गया | कार्यक्रम का समापन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. शेफाली यादव  द्वारा किया गया |

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