उद्यमिता और कौशल विकास में है अनंत संभावनाओं का भंडार: सुबोध उनियाल



वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज  

नरेन्द्रनगर। उद्यमिता और कौशल विकास में अनंत संभावनाएं विद्यमान हैं।बशर्ते कि धरातल पर काम करने वाले माइंडसेट चेंज के साथ काम करने को आगे आएं। उक्त विचार उत्तराखंड सरकार में वन, भाषा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने यहां धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय उद्यमिता और कौशल विकास के माध्यम से युवा सशक्तिकरण विषय पर  आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में उपस्थित विद्वानों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

बताते चलें कि महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के अनुरोध पर जिला उद्योग केंद्र नरेंद्रनगर के सौजन्य से युवाओं की सशक्तिकरण को लेकर राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों का 2 दिवसीय विचार मंथन गोष्ठी का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रदेश के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में उद्यमिता एवं कौशल विकास के लिए अभिभावकों की" माइंड सेट" को बदलने की आवश्यकता है,उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के अधिकांश लोग आज भी सरकारी नौकरी का माइंडसेट रखते हैं। जोकि उद्यमिता-विकास में बाधक है। इस अवसर पर उन्होंने पर्यटन विभाग की क्लाइमिंग रॉक वाल के विस्तार के लिए एक लाख रुपए देने के साथ साइंस ब्लॉक की सैद्धांतिक स्वीकृति की घोषणा की।

उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर सीमा गुप्ता ने माइंड सेट और स्किल सेट  के आपसी सामंजस्य को उद्यमिता  विकास के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने पार्सल सर्विस के सीईओ तिलक मेहता और ओ वाइ ओ के रितेश अग्रवाल की सफल कहानी से उद्यमिता विकास को समझाने का प्रयास किया। जिला उद्योग केंद्र नरेंद्रनगर के सहायक प्रबंधक ओम प्रकाश जोशी ने सरकार द्वारा उद्योग विभाग के अंतर्गत कौशल विकास और उद्यमिता के लिए संचालित योजनाओं पर प्रकाश डाला।

प्रोफेसर सुरेखा राणा विभाग अध्यक्ष प्रबंधन अध्ययन गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने कहा कि कौशल हमारे चारों और बिखरा है जरूरत इसको जानने और समझने की है। वहीं प्रोफेसर जानकी पंवार ने कहा कि सृजनशील मस्तिष्क से कौशल विकास तथा स्व रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। पूर्व शिक्षा निदेशक प्रोफेसर एन पी माहेश्वरी ने स्किल डेवलपमेंट के लिए नैतिकता को केंद्र बिंदु में रखा।प्रोफेसर जीएस रजवार ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर तथा कृषि के क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाएं उपस्थित जनों से साझा की।विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष एवं पूर्व आई एफ एस मनमोहन सिंह नेगी ने भी माइंडसेट चेंज की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री उनियाल द्वारा महाविद्यालय की कुल गीत, संगोष्ठी की स्मारिका का भी विमोचन किया गया।

इस अवसर पर  शिवांश इन के संस्थापक सी ई ओ विजेंद्र पंवार और महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राजेश कुमार उभान के मध्य एम ओ यू हस्ताक्षर किए गए। इससे कौशल विकास ,प्रशिक्षण ,शिक्षण एवं स्वरोजगार के नए अवसर पैदा होंगे,साथ ही पत्रकारिता विभाग के टेक्नीशियन फोटोग्राफी  विशाल त्यागी को करोना योद्घा एवं बेस्ट फोटोग्राफर ऑफ द ईयर तथा मुनेंद्र कुमार को बेस्ट वर्कर का सम्मान दिया गया।संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में शोधार्थियों द्वारा शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें रिपोर्टर के रूप में डॉ रश्मि उनियाल और सोनिया गंभीर ने प्रमुख भूमिका निभाई। सरस्वती के चित्र के अनावरण व दीप प्रज्वलन के साथ हुए कार्यक्रम की शरुआत में मुख्य अतिथि के सम्मान में छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गान गाया गया।सभा का संचालन डॉक्टर संजय महर एवं डॉक्टर शैलजा रावत द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में सेमिनार की थीम से परिचय कराते हुए एनएसएस इकाई के प्रभारी एवं सेमिनार के संयोजक डॉ संजय कुमार ने मुख्य अतिथि सहित विद्वान वक्ताओं का आभार प्रकट करते हुए मुख्य विषय पर बोलते हुए कहा कि कौशल संवर्धन और उद्यमिता के विकास को वर्तमान की जरूरत बताया तथा उच्च शिक्षा में नवाचार और कौशल संवर्धन के जरिए उद्यमिता के क्षेत्र में विकास पर जोर दिया।इस अवसर पर कॉलेज छात्र- छात्राएं, स्थानीय नागरिक, विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थी  मौजूद रहे।



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