पूर्व जन्मों के राज से असाध्य रोगों से मिली मुक्ति-डा पियूष सक्सेना

 5 दिवसीय पूर्व जन्म थैरेपी कार्यशाला ने निराश लोगों के जीवन में भरी नई आशा



आयोजकों ने कार्यशाला का आयोजन कर पुण्य का कार्य किया- गुरू पवन सिंहा

समीक्षा न्यूज संवाददाता

गाजियाबाद। टी.एम.एल.पी. एवं होलिस्टिक लाइफकेयर फॉउन्डेशन इंडिया द्वारा मुरादनगर में छोटी गंगा के किनारे,चितौड़ा पुल के पास स्थित कल्पतरू आश्रम में आयोजित 5 दिवसीय पूर्वजन्म प्रतिगमन (पी.एल.आर.थेरैपी) कार्यशाला का हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई।योगी प्रवीण आर्य ने बताया कि कार्यशाला में देश के राज्यों के विभिन्न शहरों के 33 लोगों ने पी.एल.आर थैरेपी के माध्यम से निराश लोगों के जीवन में आशा की किरण प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण प्राप्त किया।

कार्यशाला के अंतिम दिन देश के प्रख्यात आध्यात्मिक विभूति गुरू पवन सिंहा मुख्य अतिथि रहे। गुरू पवन सिंहा ने कहा कि पूर्वजन्मों का फल हमें भोगना ही पडता है।ऐसे में हम अपने पूर्वजन्मों के बारे में जानकर असाध्य रोगों से मुक्ति पा सकते हैं और अपनी सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। होलिस्टिक लाइफकेयर फॉउन्डेशन इंडिया देश भर में पूर्व जन्म प्रतिगमन कार्यशाला का आयोजन कर पी.एल.आर. थेरेपी के माध्यम से असाध्य रोगों से मुक्ति दिलाकर उनके जीवन में सुख का नया सवेरा लाने का पुण्य का काम कर रही है,जिसके लिए संस्था के संचालक बधाई के पात्र हैं।



मुम्बई से पधारे पीएलआर थैरेपी विशेषज्ञ डॉ पीयूष सक्सेना ने बताया कि पी.एल.आर. थेरेपी न केवल अवसाद ग्रस्त लोगों के जीवन में आशा का संचार करती है अपितु लाइलाज एवम क्रोनिक स्वास्थ्य समस्या, विकराल आर्थिक समस्या, अनसुलझे व बिगड़ते रिश्ते, मन में समाया किसी भी तरह के डर जिसका लाख कोशिशों के बाबजूद समाधान न मिल रहा हो उसका समाधान करती है। पी.एल.आर. थेरेपी के जरिए असाध्य रोगों जैसे माइग्रेन, कमर, हाथ, पैर का दर्द, डिप्रेशन, अस्थमा आदि रोगों से पूरी तरह से मुक्ति पाई जा सकती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान की प्रोफेसर तथा पी.एल.आर.थैरेपिस्ट डॉ श्रुति सहरावत ने पूर्व जन्म परिगमन के मनोवैज्ञानिक पक्ष के बारे में बताया कि जब बालक जन्म लेता है तो उसके मन मस्तिष्क में पूर्व जन्म की स्मृतियां रहती है जो शनै शनै विस्मृत होती रहती हैं। जब पी.एल.थेरेपी  के दौरान सम्मोहन शक्ति से उस व्यक्ति की पूर्व जन्म की स्मृतियां जाग्रत हो जाती है तब वह व्यक्ति अपने पूर्व जन्म में पहुंच जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस थेरैपी का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता बल्कि फायदे ही होते हैं।लाइलाज / क्रोनिक स्वास्थ्य समस्या में सुधार होता है, मन में समाया किसी भी तरह के डर या वहम आदि से मुक्ति मिल जाती है।

पीएलआर थैरेपी विशेषज्ञ, मिलेनियर माइंड सेट एवम मिरेकल मॉर्निंग के फाउंडर श्री अमरेश शर्मा ने बताया कि अगर किसी अपने की अचानक मौत हो जाए तो उस असहनीय मानसिक कष्ट से निजात पाने के लिए भी इस थेरेपी का इस्तेमाल होता है। किसी को ऊंचाई से, अंधेरे से, पानी से, हवाई जहाज में बैठने या गाड़ी चलाने से डर लगता है तो इससे मुक्ति पाने के लिए पी.एल.थेरैपी द्वारा उस व्यक्ति के पूर्व जन्मों के उन कारणों का पता लगा कर निराकरण किया जाता है। इसके लिए सम्मोहन विद्या का सहारा लिया जाता है।कोई अपने दिवंगत किसी पूर्वज या इष्ट देवी देवता के दर्शन चाहते हैं वे इस थैरेपी के माध्यम से कर सकते हैं।

डॉ. पीयूष सक्सेना ने अब तक 800 से भी अधिक ऐसे लोगों को स्वस्थ किया है,जो अपने जीवन से पूरी तरह से निराश हो चुके थे।

कार्यशाला में देश भर से आए प्रशिक्षुओं ने कार्यशाला के अनुभवों को शेयर किया तथा शपथ ली कि वे पी.एल.आर. थेरैपी के माध्यम से अपने जीवन से पूरी तरह से निराश हो चुके और टूट चुके लोगों का उपचार करेंगे और उनके अंदर नई आशा का संचार कर कायाकल्प भी करेंगे। 

मेरठ से पीएलआर थैरेपी का प्रशिक्षण लेने आए श्री प्रवीण चौधरी ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि जन्म से उनके पैर और कमर में असहनीय दर्द रहता था।इस दर्द के चलते वह अपनी पढ़ाई भी अच्छी तरह नही कर सके। पीएलआर थैरेपी द्वारा ज्ञात हुआ कि पूर्व जन्म में जंजीरों से बांध कर उनके कमर तथा पैरों में डंडों से पिटाई की जाती थी। इस थैरेपी के बाद उनका यह दर्द चमत्कारिक रूप से ठीक हो गया। 

पीएलआर थैरेपी की एक और प्रशिक्षु श्रीमती नीरा गर्ग ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि पिछले 35 वर्षों से  उनके अंदर डिप्रेशन था। वे अपनी बीमारी का इलाज कराकर थक चुकी थी। कोई फायदा नहीं हो रहा था, मगर पांच दिन की कार्यशाला के बाद वे खुद को स्वस्थ महसूस कर रही हैं। 

श्रीगंगानगर, राजस्थान से पधारी टैरो कार्ड रीडर श्रीमती शालू गुप्ता ने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि पूर्व जन्म थैरेपी के दौरान उन्होंने एक ग्रह की एंजिलों से साक्षात्कार किया। 

पीएलआर थैरेपी का प्रशिक्षण लेने वालों ने ध्यान व गीता ज्ञान द्वारा तनाव मुक्त जीवन जीने की कला भी सीखी और भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी से दूर, मस्ती व प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जंगल में स्थित कल्पतरू आश्रम में जिंदादिली के साथ जीवन जीने का मंत्र सीखा। 

राज्यसभा सदस्य डॉ अनिल अग्रवाल के प्रतिनिधि देवेंद्र हितकारी ने सभी अयोजको, अतिथियों तथा प्रशिक्षुओं का सम्मान किया।

प्रशिक्षित पी.एल.आर.थेरेपिस्टों ने अपने गुरुओं व आयोजकों का आभार व्यक्त किया। 

पी.एल.आर.थेरैपी कार्यशाला के मुख्य आयोजक, पी.एल.आर.थैरेपिस्ट डॉ यशपाल गुप्ता ने सभी का आभार प्रदर्शन व धन्यवाद किया।


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