"गीता की यथार्थता" पर गोष्ठी संपन्न



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*धर्म की रक्षा का सन्देश है गीता - आर्य रविदेव गुप्त*

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में "गीता की यथार्थता" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह करोना काल से 474 वां वेबिनार था।

वैदिक विद्वान् आर्य रविदेव गुप्त ने कहा कि हमें किसी भी मूल्य पर धर्म की रक्षा करनी चाहिए,यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो वह हमारी रक्षा करेगा। धर्म की रक्षा के लिए किया गया कोई भी उपाय अधर्म की श्रेणी मे नहीं आता यही श्रीकृष्ण का गीता में संदेश है।उन्होंने कहा कि समस्त ज्ञान का स्रोत वेद है और उपनिषदों द्वारा गुरु शिष्य संवाद के रूप में समझाया गया है व सभी उपनिषदों का सार गीता है। आगामी 3  दिसम्बर को पूरा विश्व गीता जयंती समारोह आयोजित करेगा हमे भी गीता का संदेश जन जन तक पहुंचाना चाहिए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि गीता व्यक्ति को निष्काम कर्म करने की प्रेरणा देती हैं अत:  हमे अपने जीवन में निरंतर कर्म करते रहना चाहिए क्योंकि पुरुषार्थी व कर्म शील व्यक्ति ही जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

मुख्य अतिथि आर्य नेता आर पी सूरी व अध्यक्ष राजेश मेहदीरता ने भी गीता को जीवन शैली में अपनाने पर जोर दिया।

राष्ट्रिय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि गीता विश्व की सबसे अधिक भाषाओं में प्रकाशित होने वाला ग्रंथ है।

गायक रविन्द्र गुप्ता,कौशल्या अरोड़ा,बी डी गांधी, प्रवीणा ठक्कर,कमला हंस,कमलेश चांदना,ईश्वर देवी,शोभा बत्रा आदि ने मधुर भजन प्रस्तुत किए।

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