"हमारा दूसरों से व्यवहार कैसा हो" विषय पर गोष्ठी सम्पन्न
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
दुर्जन का प्रतिकार आवश्यक है -अतुल सहगल
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान "हमारा दूसरों से व्यवहार कैसा हो" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 476 वां वेबिनार था।
वैदिक प्रवक्ता अतुल सहगल ने कहा कि जैसा व्यवहार हम अपने प्रति दूसरो से चाहते हैं वैसा व्यवहार उनके साथ करें,जैसा हम करेंगे वैसा वापिस लोट के आयेगा।साथ ही उन्होंने कहा कि दुर्जन का प्रतिकार भी समाज की शांति के लिए आवश्यक है।उन्होंने आगे व्यवहार की विस्तृत परिभाषा प्रस्तुत करते हुए कहा कि मन से विचार से,वाणी से भाषण और पांच कर्मेन्द्रियों से कर्म --यह सभी व्यवहार की परिभाषा और परिधि में आते हैं l आर्य समाज के नियम संख्या 7 का उल्लेख करते हुए सही व उपयुक्त व्यवहार की विस्तृत विवेचना की।धर्मानुसार व्यवहार किस प्रकार धर्म के दस लक्षण लिए होते हैं और विभिन्न परिस्थियों में मर्यादित होता है -- इसकी चर्चा की।आचार्य चाणक्य के प्रसिद्ध ग्रन्थ चाणक्य नीति से उद्धरण लेते हुए,यथायोग्य व्यवहार के बारे में बताया कि दुष्ट का प्रतिकार न करने वाले अधर्म के भागी माने जायेंगे।जीवन में उन्नति हेतु धर्माचरण और योगाभ्यास --यह दो साधन महर्षि दयानन्द ने बताये।उपयुक्त व्यवहार में दोनों का समावेश है। इस परिपेक्ष्य में यम और नियम के महत्त्व की चर्चा की।उत्तम व्यवहार के लिए चित्तवृत्ति निरोध की आवश्यकता है और इसके लिए मन पर नियंत्रण चाहिए जो कि अभ्यास और वैराग्य से संभव है।अभ्यास का आधार यम के पंचबिंदु हैं।हमें सत्य भाषण के साथ साथ मधुर भाषण भी करना चाहिए।मनुष्य के दैनिक जीवन में उत्तम व्यवहार के कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु प्रस्तुत करते हुए वक्ता ने कहा कि उपयुक्त व्यवहार ही शांति का आधार है और इसलिए मनुष्य की सर्वांगीण उन्नति का भी साधन बनता है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने व्यवहार भानु पुस्तिका लिखी है वह अवश्य पढ़नी चाहिए। परिवार समाज में कुशल व्यवहार की आवश्यकता रहती है तभी व्यक्ति लोकप्रिय हो सकता है।
मुख्य अतिथि आर्य नेता ओमप्रकाश यजुर्वेदी व अध्यक्ष अंजू खरबंदा ने भी व्यवहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यवहार जीवन की महत्वपूर्ण कड़ी है।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया ओर उन्होंने श्रीराम मंदिर के बलिदानी वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की
गायिका कौशल्या अरोड़ा,रजनी गर्ग,कुसुम भंडारी,सरला बजाज, जनक अरोड़ा,कमला हंस, सुमित्रा गुप्ता, कमलेश चांदना ईश्वर देवी आदि के मधुर भजन हुए।
Comments
Post a Comment