सेवा सदन द्वारा 27वां आयुर्वेदिक शारीरिक स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। सेवा सदन गाजियाबाद में फरवरी माह का 27 वां आयुर्वेदिक शारीरिक स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजन किया गया। वरिष्ठ नागरिकों एवं जरूरत मन्दों कोआयुर्वेदिक दवाइयां दी गई। इस मौके पर सेवा सदन के महामंत्री चौ मंगल सिंह जी ने बताया कि स्वस्थ जीवित रहने के लिए मात्र तीन चीजों की आवश्यकता है, सांसे,पानी और भोजन,हम आधा घंटा डीप ब्रीथिंग कर लें,पानी उचित मात्रा में पी लें व भोजन सात्विक जैविक लें तो निश्चित ही मिशन 125 वर्ष स्वस्थ जीवन को प्राप्त करेंगे, अपने सचेत भी किया कि  अगर किसानों ने कीटनाशकों का खेतों प्रयोग बन्द नहीं किया तो आने वाले दस वर्षों में साठ  करोड़ से अधिक जनता केंसर जैसे घातक रोगों से पीड़ित होगी , इस मौके पर सेवा सदन की प्रभारी प्रीति शर्मा ने बताया कि हमारा देश भारत जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था, वह आज भी सोने की चिड़िया ही है बस फर्क इतना है कि उस सोने ने अपना रूप परिवर्तित कर लिया है जो कि आयुर्वेद के रूप में हम सबके सामने हैं लेकिन हम उसे पहचान नहीं रहे हैं हमारे पूर्वज ऋषि मुनि और साधु संत महात्मा सबने अपने जीवन के सैकड़ों वर्ष तक जीवित रहकर और स्वस्थ रहकर इस बात को सिद्ध किया है जबकि इसके विपरीत आज हमारी औसत आयु घटकर पहले के मुकाबले लगभग आधी रह गई है और उस उम्र तक भी जब लोग पहुंचते हैं तो वह स्वस्थ नहीं रहते हम अपने स्वास्थ्य को नियंत्रित करने के लिए यदि नियमित रूप से व्यायाम,योग और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का प्रयोग करते रहे तो हमारा शरीर अवश्य  स्वस्थ रहेगा लेकिन अनियमित दिनचर्या अस्वस्थ खानपान ,दूषित हवा जिसके कारण हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रह पाता जिसका नतीजा यह निकलता है कि हम मोटापे, थायराइड, बीपी, शुगर और ना जाने कितनी ही बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। बीमारियों से ठीक होने के लिए सबसे पहले हम एलोपैथी का सहारा लेते हैं लेकिन एलोपैथी के द्वारा इलाज होने पर केवल २०% तक ही आराम आता है और बीमारी किसी ना किसी अन्य रूप में दोबारा से कुछ समय बाद वापस आ जाती है जबकि आयुर्वेद से जुड़ने  पर धीमी प्रक्रिया द्वारा उस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है इसी के लिए हमें आयुर्वेद को अपनाना चाहिए। आयुर्वेद के जरिए कुछ ऐसे आहार  सेवा सदन द्वारा तैयार किए गए हैं जिनसे की जो  कमी हमारे आहार में रह जाती है जो हमारे भोजन से हमें पूर्ण रूप से नहीं मिल पाती उस कमी को दूर किया जाता है , सैकड़ों वर्षो से ऋषि मुनि जिन ,जड़ी बूटियों को खाकर स्वस्थ रहे हैं अफसोस है कि उस संपदा को आज की हमारी पीढ़ी अपनाना नहीं चाह रही, जबकि  विदेशी लोग हमारे देश की संस्कृति हमारे देश, की जड़ी बूटियां इन सब को अपनाकर स्वस्थ हो रहे हैं  और  हमें भी इसकी  बेहद आवश्यकता है। निरोगी काया सबसे बड़ी माया सुना तो हम सभी ने हैै, लेकिन इस माया को प्राप्त करना आज के समय में किसी किले को जीतने से सरल नही। कारण हम सभी जानते हैं  जीवित रहने के लिए हमे तीन चीज़ों की जरूरत है

1.सांस 2.भोजन 3.पानी

लेकिन अफसोस की बात ये है कि तीनों ही आज प्रदूषित और असवच्छ हैं। अशुद्ध पर्यावरण अौर मनमुतबिक, असमय और अस्वस्थ खानपान के कारण, अपनी अनियमित दिनचर्या के कारण अस्वस्थ और मोटापे के शिकार होते जा रहे हैं। 

हमारा मोटापा हमे एेसी अनगिनत बीमारियों की ओर ले जाता है जिनके बारे मे हम कभी सोचते ही नही हैं, जबकि केवल थोड़ी सी जागरुकता और अपनी दिनचर्या में मामूली सा सुधार करके स्वस्थ काया को फिर से हासिल कर सकते हैं। 

मिशन 125 का केवल एक ही उद्देश्य है - सबका जीवन स्वस्थ जीवन। इसी उद्देश्य के साथ यह संस्था एवं इसका हर एक सदस्य वषों से निरंतर कार्यरत है। तो आइए हाथ से हाथ मिला कर सब का जीवन स्वस्थ जीवन बनाकर भारत को सफल बनाएं और भारत को उन्नति की ओर ले जाएं। इस मौके पर गीता चौधरी- प्रभारी सेवा सदन, संजू,इंदु शर्मा आमिल अहमद, रविंदर सिंह, चमन सिंह जाट , बृजेश ,विजय पंवार, बृजवीर सिंह,अतुल जी रजनी , आदि मौजूद रहे।

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