केन्द्रीय मंत्री डा वीके सिंह ने कराया सड़क का निर्माण व उद्घाटन



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

कल्पतरू आश्रम में ऋषि बोधोत्सव पर वैदिक यज्ञ संपन्न

आजादी के आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान आर्य समाज का रहा-स्वामी आर्यवेश

संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य- माया प्रकाश त्यागी

गाजियाबाद। कल्पतरू सेवा एवं साधना आश्रम के तत्वाधान में ऋषि बौद्ध उत्सव के अवसर पर गंग नहर के किनारे मुरादनगर में बहुत ही सुंदर आयोजन यहां नवनिर्मित भव्य यज्ञशाला में हुआ जिसमें देश की केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री जनरल वीके सिंह जी मुख्य अतिथि के रुप में पधारे इस अवसर पर वैदिक यज्ञ का आयोजन किया गया जिसके ब्रह्मा डा जयेंद्र आचार्य रहे।इस पूरे कार्यक्रम का संयोजन पंडित माया प्रकाश त्यागी जोकि इस आश्रम के अध्यक्ष हैं,उन्होंने किया यज्ञ के मुख्य यजमान के रूप में माया प्रकाश त्यागी के सुयोग्य पुत्र श्री प्रवीण त्यागी उनकी पत्नी श्रीमती सुमन त्यागी उनके साथ उनके दोनों पौत्र विभोर और वैभव भी सपत्नीक यज्ञमान बनें।

डा जयेंद्र आचार्य जी के ऋषि महिमा गुणगान को सुनकर श्रोता झूम उठे।



यज्ञ के उपरांत अपने संबोधन में आर्य जगत के वैदिक विद्वान स्वामी आर्य वेश ने जनरल वीके सिंह को बहुत-बहुत साधुवाद और शुभकामना देते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डाला और उन्होंने बताया कि आज का दिन इतिहास के अंदर बहुत महत्वपूर्ण दिन है एक 14 वर्ष के बालक मूल शंकर को आज ही के दिन शिव मंदिर में शिवजी की पिंडी पर चूहे की उछल कूद को देखने के बाद सच्चे शिव का बोध हुआ था और उसके बाद आगे चलकर बालक मूलशंकर दयानंद सरस्वती के नाम से प्रसिद्ध हुआ।स्वामी दयानंद बोध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विशेष बात यह है कि स्वामी दयानंद जी ने अपने जीवन को अंतिम समय तक स्वयं को सक्रिय रखा,कर्म से जुड़े हुए रखा।इसी तरह आज  के मुख्य अतिथि जनरल वीके सिंह भी प्रारंभ से ही देश की सेवा का जो संकल्प लिया,अपने आप को सक्रिय रखा,देश के सबसे बड़े पद पर सेना अध्यक्ष के रूप में रहे और आज भी केंद्र सरकार में एक बहुत महत्वपूर्ण दायित्व को निभा रहे हैं किंतु उनके अंदर कोई राजनीतिक तिकड़म बाजी और दूसरी चीजें देखने को नहीं मिलती ऐसा एक समाज सेवा और देश सेवा करने वाला उज्ज्वल व्यक्तित्व युवाओं को प्रेरणा देने वाला है।उन्होंने आज के दिन यहां आकर जो अपनी श्रद्धांजलि देने का निश्चय किया है उनका यह बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है।स्वामी दयानंद ने दलितों के उत्थान के लिए समाज की रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ने और कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाने में बहुत बड़ी ताकत लगाई।स्वामी दयानंद एकमात्र ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने इस देश को आजाद कराने के लिए न केवल स्वयं अपना योगदान दिया बल्कि उनके हजारों अनुयायियों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिए और इतिहास के पन्नों पर यह बात आज भी पढ़ने को मिलती है आजादी के आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान आर्य समाज का रहा ऋषि दयानंद का व्यक्तित्व उनके कार्य और उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।

अंत में डा वीके सिंह और यज्ञमानों को ब्रह्मा डा जयेंद्र आचार्य,पंडित माया प्रकाश त्यागी,स्वामी आर्य वेश द्वारा पुष्पवर्षा कर आशीर्वाद दिया गया।



आश्रमाध्यक्ष माया प्रकाश त्यागी ने ऋषि दयानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है के लिए स्वामी जी ने आर्य समाज की स्थापना की ओर वेदों की लोटो का नारा दिया ताकि विश्व में स्थाई रूप से शांति स्थापित हो सके।शिव संकल्प मंत्रों में कहा है की मेरा मन शिव संकल्प से भरा हो यह शिव आराधना ज्ञान ही उनका मिशन बन गया जिसने बड़े से बड़े नास्तिक को आस्तिक बना दिया।उन्होंने दूर दराज से पधारे जनसमूह का आभार व्यक्त किया।

केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि ग्राम चित्तौड़ा के पुल से गंग नहर मुरादनगर के राइट बैंक पर वहां के लोगों की सद्भावनाओं का सम्मान करते हुए सड़क का निर्माण कार्य कराया ताकि यह सद्भावना उत्तरोत्तर बढ़े,सड़क का नारियल तोड़कर उद्घाटन करने पर कनौजा,नूरपुर,चितौड़ा, पुरपुर्सी,बढ़का,जलालाबाद के ग्रामवासियों एवं आश्रम की ओर उनका सम्मान करने पर आभार व्यक्त किया।उन्होंने आश्रम की गौशाला में अपने हाथों से गौ माता को हराचारा खिलाकर सेवा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री ज्ञानेंद्र सिंह आर्य,सेवा राम त्यागी,तेजपाल सिंह,ओम प्रकाश आर्य,चौधरी सत्यवीर,चौधरी मंगल सिंह,प्रवीण आर्य,रविन्द्र आर्य,उज्ज्वल त्यागी आदि मौजूद रहे।

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