पुरोहित वह है जो अन्धकार रूपी अज्ञान को दूर करता है: प्रवीण आर्य




धनसिंह—समीक्षा न्यूज 

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संचालित त्रैमासिक प्रशिक्षण शिविर का समापन स्वामी सूर्यवेश जी के अध्यक्षता में शंभू दयाल दयानन्द वैदिक सन्यास आश्रम,दयानन्द नगर में संपन्न हुआ।ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ त्रैमासिक पुरोहित प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से प्रशिक्षण देकर सुयोग्य पुरोहित तैयार करता है।जिससे समाज में धार्मिक कार्य पूर्ण धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हो सकें।संस्कृत संस्थान अनेक जनपदों में त्रैमासिक शिविर अपने प्रशिक्षकों द्वारा संपन्न कराता है। इसी क्रम में गाजियाबाद के शम्भू दयाल दयानंद वैदिक सन्यास आश्रम में चल रहे प्रशिक्षण 2022 - 23 का सोमवार को समापन हो गया।जिसमें सभी प्रशिक्षणार्थी आश्रम के ब्रह्मचारी आश्रम परिवार की उपस्थिति रही। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान प्रदेश में अपने प्रशिक्षकों के माध्यम से संस्कृत संभाषण,योग प्रशिक्षण,ज्योतिष -वास्तु प्रशिक्षण आदि का प्रशिक्षण अपने प्रशिक्षकों द्वारा संचालित करता है।जिससे हमारे प्राचीन धरोहर परंपराएं जन जन तक प्रसारित हो सकें।रक्षा हो सके।उक्त कार्यक्रम का संचालन केन्द्र गाजियाबाद के प्रशिक्षक डॉ अग्निदेव शास्त्री ने किया।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रांतीय महामंत्री ने कहा कि पुरोहित वह है जो मार्ग दिखाता है,अन्धकार रूपी अज्ञान को दूर करता है,उपदेश करता है और हम सबको गलत रास्ते से हटाकर सही रास्ते पर ले आता है।ऐसे आदमी का,ऐसे मार्गदर्शक का नाम पुरोहित है।समाज में आज ऐसे पुरोहितों की आवश्यकता है।उन्होंने  एक गीत ज्ञान का सागर चार वेद ये वाणी हैं भगवान की,इसी से मिलती सब सामग्री जीवन के कल्याण की सुनाकार भावविभोर कर दिया।

समाज सेवी चौधरी मंगल सिंह जी ने दीर्घश्वसन से हम कैसे स्वस्थ रह सकते हैं,पर विस्तृत चर्चा की।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वामी सूर्य वेश जी ने कहा की इस तरह के कार्य निरन्तर होते रहने चाहिएं, इसके लिए उन्होंने डा अग्निदेव शास्त्री को शुभकामनाएं दी।

अंत में सामूहिक शांति पाठ के द्वारा प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया।

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