“प्रधान जी विश्राम यादव, मां श्रीमती संतराजी का स्मृति दिवस” पर कार्यक्रम आयोजित



धनसिंह—समीक्षा न्यूज 

साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा प्रधान जी विश्राम यादव नि:शुल्क पुस्तकालय, वाचनालय के प्रांगण में “प्रधान जी विश्राम यादव, मां श्रीमती संतराजी का स्मृति दिवस” कार्यक्रम आयोजित किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधान सूर्य नाथ यादव शिक्षाविद  मुख्य अतिथि पूर्व सांसद दरोगा सरोज रहे, मुख्य वक्ता राम दुलार यादव कार्यक्रम में शामिल रहे, आयोजन आलोक यादव ने किया, मुख्य रूप से कार्यक्रम में शामिल जुद्दन यादव, पंधारी यादव, सतीश सिंह, सुरेश यादव, रामजीत यादव, भिलई राय, संजय सिंह, अवनीश यादव, अजयपाल, सुनील राय, जोखू भारद्वाज, राम सहाय राय, भोलानाथ यादव, राहुल, राम प्रसाद, अजय सिंह, मक्खन ठाकुर, अनिल कान्त राय आदि ने पुष्पांजलि अर्पित किया। 



विशाल भोजन भंडारे का सभी ने आनंद लिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, ड़ा0 भीमराव अंबेदकर, संत कबीर, मान्यवर काशीराम जी,  श्रीमद्भगवत गीता तथा कई विद्वानों और लेखकों की पुस्तक कार्यक्रम में भेंट की गयी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि दरोगा सरोज पूर्व सांसद ने कहा कि प्रधान जी विश्राम यादव ने सोहौली गाँव का प्रधान रहते दलितों, पिछड़ों, अल्प संख्यकों तथा हर वर्ग में राजनीतिक चेतना पैदा किया, तथा विकास की गंगा बहा दिया, जाति-धर्म से ऊपर उठकर गाँव वासियों में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की भावना पैदा किया, नफरत और द्वेष की भावना के समूलनाश के साथ समता, समानता के लिए जीवन पर्यंत कार्य किया, आज वह हमारे बीच में नहीं है, हम उन्हे पुष्प अर्पित करते हुए कहना चाहते है कि वह गाँव के प्रधान ही नहीं समाज को समरस बनाने का काम किया।



पूर्व प्रधान सूर्यनाथ यादव ने कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधान जी विश्राम यादव तथा श्रीमती संतराजी हमेशा लोगों की मदद करते थे, हम तो जब मिलते थे आर्थिक मदद जबरदस्ती करते थे, आज मुझे गर्व और गौरव महसूस हो रहा है, इस कार्यक्रम से लोगों को अपने माता-पिता की सेवा की प्रेरणा मिलेगी।



कार्यक्रम के संयोजक राम दुलार यादव ने कहा कि लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट शिक्षा और चिकित्सा जन-जन को मिले प्रयासरत है, महापुरुषों का जन्म दिन, पुण्यतिथि मनाना संस्था का उद्देश्य है, जिससे लोगों में व्यक्ति, समाज, देश को बहुमुखी विकास की प्रेरणा मिल सके, तथा उन शहीदों, स्वतन्त्रता सेनानियों के त्याग, बलिदान से अवगत हो सके। संत, महात्माओं ने समता, सद्भाव, भाईचारे का संदेश दिया, उससे अवगत हो समानता, न्याय, बंधुत्व के लिए कार्य कर सके, प्रधान जी विश्राम यादव कहा करते थे कि ईमानदारी से लोगों की सेवा करना, अन्याय का प्रतिकार करना सबसे बड़ा धर्म है, जिसके साथ रहो, खुले मन से रहो, रूढ़ियों, कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष करना सबसे बड़ा धर्म है। हजारों पुरुषों, महिलाओं ने प्रधान विश्राम यादव, मां श्रीमती संतराजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे याद किया, प्रमुख रहे-सुभाष यादव, फूलमती यादव, विकाश, सौरभ, मुन्नर भारद्वाज, संतलाल, मनोज यादव, सुल्लुर प्रजापति, पंडित धीरज पाठक, विनोद यादव, हर कुँवर राय, तीर्थ राज, सतीश यादव, राम प्यारे यादव, श्याम प्यारे यादव, अशोक, शिवम, सुखराम , कंतलाल, राजेंद्र यादव आदि हजारों लोगों ने भोजन, प्रसाद ग्रहण किया।

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