सभी मंदिरों में चलनी चाहिए “माँ अन्नपूर्णा “ जैसी रसोई: गुरु पवन सिन्हा




समीक्षा न्यूज—मनोज तौमर

गौतम बुद्ध नगर। मौलिक भारत की “मंदिर संकुल और सेवा योजना” से प्रेरित होकर लक्ष्मीनारायण मंदिर, सेक्टर 56, नोएडा में पिछले एक वर्ष से चल रही माँ अन्नपूर्णा रसोई की पहली वर्षगाँठ पर मुख्य अतिथि व वक्ता प्रख्यात आध्यात्मिक चिंतक श्री गुरु पवन सिन्हा जी ने रसोई की संचालन समिति के कार्य को सराहा व कहा कि परंपरागत रूप से भारत में मंदिर आध्यात्मिक चेतना व पूजन स्थल के साथ साथ 

मंदिर संकुल में देव स्थान, ध्यान कक्ष, मंत्रणा कक्ष, सभा/प्रवचन कक्ष, महंत आवास ,यात्री विश्राम ग्रह, यज्ञशाला, धार्मिक पुस्तकालय, वाचनालय, गुरुकुल, गौशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम कक्ष, चिकित्सालय, व्यायामशाला, रसोई व भोजन कक्ष, अन्न कक्ष, तिजोरी कक्ष, बगिया, कौशल विकास केंद्र सब कुछ होता था और मंदिर पूजा व उपासना के साथ ही राज्य के सलाहकार, अन्न व संपदा के केंद्र ( जिसका प्रयोग राज्य आपात स्थिति में करता था) था। मंदिरसंकुल में शिक्षा हेतु गुरुकुल भी था जहां शास्त्र व शस्त्रों की शिक्षा के साथ साथ कला, नृत्य, संगीत, योग ,नाटक , मूर्ति कला,स्थापत्य कला, कौशल विकास , आयुर्वेद , व्यायाम , आत्मरक्षा इत्यादि की शिक्षा व सुविधा दी जाती थी। पवन जी ने बताया इस प्रकार भारतीय मंदिर कला , संस्कृति के साथ ही सामाजिक व आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र थे। अपनी इस व्यवस्था के कारण भारतीय संस्कृति व सत्ता सम्पूर्ण विश्व में स्थापित हो गयी। पिछले कुछ सदियों में यह व्यवस्था बिखर गयी और इसी कारण समाज का पतन हो रहा है। समाज के उत्थान के लिए इस व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए “मंदिर संकुल और सेवा” अभियान जो लक्ष्मीनारायण मंदिर में किया जा रहा है वह सराहनीय है एवं इसका विस्तार भारत के प्रत्येक मंदिर तक होना चाहिए। योजना की वर्षगाँठ पर वैदिक ज्ञानी शान सागर जी व उनकी पत्नी शीलू सागरके नेतृत्व में यज्ञ का आयोजन किया गया व उसके उपरांत योजना से जुड़े लक्ष्मी नारायण मंदिर के परिसर में चल रहे स्कूल के बच्चों,

व नव ऊर्जा संस्थान के स्किल डेवलपमेंट सेंटर के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उल्लेखनीय है कि माँ अन्नपूर्णा रसोई में प्रतिदिन 350 - 400 निःशक्त व निर्धन लोग व बच्चो को निःशुल्क भोजन दिया जाता है। इसका विस्तार सेक्टर 22 के शिव मंदिर में भी किया जाने का प्रस्ताव है। सप्ताह में कुछ दिन आईकेयर अस्पताल में ग़रीब मरिजो को भी भोजन भिजवाया जाता है। 

“ माँ अन्नपूर्णा रसोई”  की संचालन समिति के संयोजक पंकज गोयल, अनुज अग्रवाल, नवल किशोर   एवं अनिल दीक्षित ने बताया कि शहर के धार्मिक रूप जागरूक व संवेदनशील अनेक प्रबुद्धजनो की  पहल व सहयोग से मंदिर संकुल को सेवा व सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनाने के अभियान को ज़मीन पर उतारने का संकल्प लिया गया है। मंदिरो के पुनरोत्थान के इस अभियान का पहला सोपान लक्ष्मीनारायण मंदिर में मंदिर समिति के सहयोग से अशक्त व निर्धन लोगों की सहायतार्थ “ अशक्त व निर्धन लोगों को निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गयी है। 

मंदिर के प्रांगण में स्थायी रसोई व भोजन कक्ष की सुंदर व्यवस्था उपलब्ध है । इस बात का ध्यान रखा जाता है  कि भोजन के बनाने व वितरण की व्यवस्था सुचारु व साफ़ सुथरी के साथ स्वास्थ्यवर्धक रहे।इस रसोई में सप्ताह के सातों दिन अलग अलग प्रकार के पोष्टिक व्यंजन दिए जाते हैं। साथ ही प्रत्येक लाभार्थी को सनातन संस्कृति, अच्छे संस्कारो व मंदिर के धार्मिक आयोजनो से जोड़ा जाता है। आगे इस  प्रकल्प में झुग्गी के बच्चों के लिए  ऋषिकुलशाला (अनोपचारिक विद्यालय) व निशुल्क योग, संगीत, शास्त्रीय नृत्य आदि की कक्षायें भी प्रारंभ करने की योजना है।

आज के कार्यक्रम में नोएडा के अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया। जिनमे राधाकृष्ण गर्ग, विवेक अग्रवाल, संजय श्रीवास्तव, आशुतोष सिंह, मनीष गुप्ता, प्रद्युम्न लवानिया, संजय कुमार,सारिका अग्रवाल, कुम्मू भटनागर, सीमा रावत, पुष्कर शर्मा, दीपक कुमार, संजीव गुप्ता आदि ने अभियान में निरंतर सहयोग व सेवा देने का संकल्प लिया।कुछ प्रमुख दानदाताओ कुलदीप गुप्ता , राजन शर्मा, अतुल मित्तल आदि के साथ ही  मंदिर प्रबंध समिति की ओर से ओपी गोयल, जे एम सेठ व प्रमुख पुजारी जी को इस कार्य में पूर्ण सहयोग देने के लिए सम्मानित किया गया।

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